उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मतदान के अंतिम आधिकारिक आंकड़े मंगलवार को भी जारी नहीं हो पाए। इसका मुख्य कारण अभी तक सभी पोलिंग पार्टियों का वापस नहीं लौट पाना है। मंगलवार रात तक 179 पोलिंग पार्टियों के लौटने का इंतजार किया जा रहा था। राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा सोमवार को प्रदेश में 65.10 प्रतिशत मतदान का अनंतिम आंकड़ा जारी किया गया था। हालांकि, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी वोटर टर्नआउट एप में अनुमानित मतदान प्रतिशत 64.29 प्रतिशत दिया गया है।
प्रदेश में मतदान के लिए 11697 मतदेय केंद्र बनाए गए थे। मतदान के बाद सोमवार देर शाम से पोलिंग पार्टियों की वापसी शुरू हो गई थी। इन पोलिंग पार्टियों से ईवीएम जमा कर जिलों में बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखी गई, तो पोलिंग पार्टियों के दस्तावेजों की स्क्रूटनी की गई। इससे संबंधित मतदेय स्थल पर पड़े कुल मतों का मिलान किया गया। मंगलवार देर शाम तक 11518 पोलिंग पार्टियां अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी थीं, जबकि 179 का आना शेष था। इनमें उत्तरकाशी की 96, पिथौरागढ़ की 78, देहरादून की चार और बागेश्वर की एक पोलिंग पार्टी शामिल है।
राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि आने वाली पोलिंग पार्टियों से निरंतर संपर्क किया जा रहा है। उनके आने के बाद दस्तावेजों की स्क्रूटनी की जाएगी। इसके बाद ही अंतिम मतदान प्रतिशत निकाला जाएगा।निर्वाचन आयोग द्वारा जारी एप में सोमवार देर रात तक हुए अपडेट में अनुमानित मतदान प्रतिशत 64.29 ही दर्शाया जा रहा है। इसमें दिए गए आंकड़़ों पर नजर डालें तो दो जिलों में वर्ष 2017 की तुलना में अधिक मतदान हुआ है।15 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां वर्ष 2017 की तुलना में मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनमें सबसे अधिक 5.11 प्रतिशत मतदान में बढ़ोतरी विकासनगर विधानसभा सीट में दर्ज की गई है। शेष सीटों पर 0.7 प्रतिशत से लेकर तीन प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि, अंतिम आंकड़ों में बदलाव की संभावना बरकरार है।