चार धाम यात्रा संचालन से जुड़ी प्रमुख परिवहन कंपनियां इस वर्ष यात्रा किराया वृद्धि का संकेत दे चुकी है। परिवहन आयुक्त से इस संबंध में पत्र देकर मांग की जा चुकी है। राज्य परिवहन प्राधिकरण एसटीए की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय होगा।आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार चार धाम यात्रा की तैयारी को लेकर दो सप्ताह पूर्व सभी विभागों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश जारी कर चुके हैं। विशेष रूप से परिवहन व्यवस्था को लेकर उन्होंने 15 अप्रैल से पूर्व परिवहन विभाग को निर्देशित किया था कि संयुक्त रोटेशन की स्थापना एवं यात्रा पर जाने वाली बसों का निर्धारण कर लिया जाए।सभी प्रमुख परिवहन कंपनियां संयुक्त रोटेशन व्यवस्था के तहत वर्ष 2019 के किराया के आधार पर यात्रा का संचालन करती आ रही हैं। इस बीच डीजल सहित मोटर पार्ट की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि हुई है। जिसको देखते हुए परिवहन कंपनियों ने इस वर्ष 15 से 20 प्रतिशत किराया वृद्धि की बात कही थी। इस संबंध में परिवहन आयुक्त को पत्र भी लिखा गया था।
चारधाम यात्रा किराया वृद्धि को लेकर अंतिम निर्णय राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में ही होना है। व्यवहारिक रुप से परिवहन विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि तीन वर्षों में परिवहन कंपनियों ने किराये में वृद्धि नहीं की है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन अरविंद कुमार पांडे का कहना है कि आयुक्त के निर्देशानुसार निश्चित समय के भीतर संयुक्त रोटेशन का गठन कर लिया जाएगा। एक सप्ताह के भीतर परिवहन कंपनियों की बैठक बुलाई जाएगी। कंपनियां इस वर्ष यात्रा किराया में वृद्धि की मांग कर रही है। जिसे लेकर परिवहन आयुक्त को भी लिखा गया है। एसटीए की बैठक में ही अंतिम निर्णय होगा।चार धाम यात्रा के दौरान सभी प्रमुख कंपनियां लोकल रूट पर 60 प्रतिशत और यात्रा रूट पर 40 प्रतिशत बस का संचालन करती है। कंपनी की ओर से करीब तेरह सौ बस यात्रा में लगाई जाएंगी। परिवहन विभाग की ओर से अतिरिक्त 100 बस की व्यवस्था की जाएगी। एआरटीओ अरविंद कुमार पांडे ने बताया कि उत्तराखंड परिवहन निगम की 50 और कुमाऊं मंडल की 50 बस अलग से आरक्षित होंगी। ताकि बसों की किल्लत होने पर व्यवस्था प्रभावित ना हो।
चार धाम यात्रा से जुड़े मार्गों की सर्वे रिपोर्ट यदि अच्छी आती है तो 10 दिन में पूरी होने वाली चार धाम यात्रा नौ दिन में भी पूरी की जा सकती है। परिवहन आयुक्त ने इस संबंध में यात्रा मार्ग से जुड़े विभागीय अधिकारियों को 15 अप्रैल तक रूट सर्वे रिपोर्ट देने के लिए कहा है। चार धाम यात्रा को लेकर शासन की ओर से जो समय सीमा तय की गई है। उस पर परिवर्तन भी हो सकता है। परिवहन आयुक्त ने चार धाम यात्रा से जुड़े सभी जनपदों में तैनात परिवहन विभाग के अधिकारियों को चार धाम यात्रा से जुड़े रूट का सर्वे करने को कहा है। आल वेदर सहित प्रमुख सड़कों की स्थिति पहले से बेहतर हुई है।अब तक चार धाम के लिए 10 दिन, तीन धाम के लिए सात दिन, दो धाम के लिए पांच दिन और एक धाम के लिए तीन दिन यात्रा के लिए निर्धारित किए गए हैं। एआरटीओ प्रशासन अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि संबंधित क्षेत्र के परिवहन अधिकारियों की रूट सर्वे रिपोर्ट यदि अच्छी आती है तो चार धाम की यात्रा दस के बजाय नौ दिन की भी हो सकती है।