प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने पार्टी नेताओं को हार के कारणों की समीक्षा से पहले बयानबाजी से परहेज करने की सलाह

प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने पार्टी नेताओं को हार के कारणों की समीक्षा से पहले बयानबाजी से परहेज करने की सलाह

देहरादून। प्रदेश में कांग्रेस को मिली हार के बाद नेताओं में चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों को लेकर पार्टी ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने पार्टी नेताओं को हार के कारणों की समीक्षा से पहले सार्वजनिक रूप से बयानबाजी से परहेज करने को कहा है। ऐसा नहीं होने पर इसे अनुशासनहीनता मानने की चेतावनी उन्होंने दी है।प्रदेश में कांग्रेस को मिली हार के बाद से नेताओं में एक दूसरे पर वार-पलटवार किए जा रहे हैं। मामला गंभीर होने पर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को हस्तक्षेप करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव हारी है, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। होली के बाद पार्टी की पराजय के कारणों की समीक्षा की जाएगी।प्रदेश प्रभारी ने कहा कि पार्टी नेता इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर किसी तरह की टिप्पणियां करने के बजाय पार्टी के मंच पर ही अपनी बात रखें। अन्यथा पार्टी के विरोधियों को ही फायदा होगा। इसतरह के प्रयास पार्टी को लाभ के स्थान पर नुकसान देंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेसजनों ने पूरे मनोयोग से चुनाव अभियान में भाग लिया और पार्टी के मत प्रतिशत को बीते चुनाव की तुलना में बहुत ऊंचा पहुंचाया है। वर्ष 2017 में पार्टी को 33.5 प्रतिशत मत मिले थे, यह इस बार बढ़कर 37.91 प्रतिशत हो गए हैं। अफसोस यह है कि मत प्रतिशत तो बढ़ा, लेकिन उस अनुपात में सीटें नहीं बढ़ीं। यह पार्टी के लिए आत्म चिंतन का विषय है।तमाम पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। होली के बाद समीक्षा में कमियों को दूर करने के भरसक प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने पार्टीजनों को मनोबल बनाए रखने को कहा है। चुनाव अभियान में सभी नेताओं, पदाधिकारी से लेकर गांव स्तर के कार्यकर्ता ने जिस समर्पण के साथ काम किया, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम होगी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी पार्टी नेताओं को हार के संबंध में पार्टी के मंच पर ही बात रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि सभी वरिष्ठ नेताओं को संयम बरतना होगा। उन्होंने स्वीकार किया कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर भाजपा ने धु्रवीकरण किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के हर नेता ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी का खंडन किया था। यह पार्टी के घोषणापत्र और नीति का हिस्सा नहीं रहा।

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