धर्म संसद मामले में पुलिस ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और गाजियाबाद स्थिता डासना मंदिर के परमाध्यक्ष यति नरसिंहानंद को भी किया गिरफ्तार

धर्म संसद मामले में पुलिस ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और गाजियाबाद स्थिता डासना मंदिर के परमाध्यक्ष यति नरसिंहानंद को भी किया गिरफ्तार

धर्म संसद मामले में शनिवार रात पुलिस ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और गाजियाबाद स्थिता डासना मंदिर के परमाध्यक्ष यति नरसिंहानंद को भी गिरफ्तार कर लिया। वह सर्वानंद घाट पर सत्याग्रह कर रहे थे। गिरफ्तारी के कुछ देर पहले उन्होंने डाक्टरों की राय पर जल ग्रहण कर लिया था। इस प्रकरण में उप्र शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेन्द्र नारायण त्यागी (पूर्व का नाम वसीम रिजवी) को दो दिन पहले गिरफ्तार कर लिया गया था। आज अदालत ने उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी।

धर्म संसद में यति नरसिंहानंद और जितेन्द्र नारायण त्यागी समेत नौ के विरुद्ध हरिद्वार कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज हैं। नरसिंहानंद और त्यागी पर दो अलग-अलग मुकदमे भी दर्ज हैं। इन सभी की जांच उत्तराखंड पुलिस की एसआइटी कर रही है। नामजदों पर धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं। इसी मामले में वीरवार को हरिद्वार आते वक्त जितेन्द्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी की गई। उस वक्त यति नरसिंहानंद भी उनके साथ थे, लेकिन वैधानिक तकनीकी कारणों का हवाला देकर पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी नहीं किए जाने की बात कही थी। शुक्रवार रात करीब नौ बजे पुलिस ने उन्हें सत्याग्रह स्थल से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि उनका सत्याग्रह जारी रहेगा। सर्वानंद घाट पर स्वामी अमृतानंद का सत्याग्रह जारी है।

इससे पहले दोपहर सत्याग्रह स्थल पर प्रतिकार सभा का आयोजन किया गया। इसमें जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। कहा, प्रतिकार सभा के बड़े स्वरूप की घोषणा प्रयागराज में माघ मेला स्थल पर की जाएगी। उन्होंने 22 और 23 जनवरी को अलीगढ़ में धर्म संसद करने की भी बात दोहराई। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने कहा कि संतों की मांग नहीं मानी गई तो 24 या 25 जनवरी को हरिद्वार में सत्याग्रह कर रहे संतों के समर्थन और सरकार के विरोध में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार की लापरवाही और कमजोरी के कारण देवभूमि के कुछ पर्वतीय जिलों में जनसांख्यिकीय बदलाव आ रहा है।तुष्टीकरण नीति के चलते धर्म विशेष के लोगों की बसावट यहां हो रही है। संत समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा। स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने भी सत्याग्रह को समर्थन दिया। स्वामी यति नरसिंहानंद ने स्पष्ट किया कि जो भी दल देश को सनातन हिंदू राष्ट्र घोषित करेगा, संतों की रक्षा का काम करेगा, गाय, गीता और गायत्री को सम्मान देगा, संतों का आशीर्वाद उसी के साथ रहेगा।

हरिद्वार: सत्याग्रह स्थल पर संतों का एक समाचार एजेंसी के पत्रकारों से विवाद भी हुआ। संतों ने उनके कैमरे और अन्य उपकरण रखवा लिए। बाद में पत्रकारों के विरुद्ध तहरीर देकर उपकरण पुलिस को सौंप दिए। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि तहरीर में पत्रकारों पर छीना-झपटी करने और धमकी देने का आरोप लगाया है। मामले की जांच की जा रही है।

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