दून विनर/देहरादून। लाखों की लागत से निर्मित सनेत गांव पेयजल योजना में मानकों की धज्जियां उड़ाई गई हैं और जलापूर्ति आधी-अधूरी है। प्रभावित ग्रामीणों ने इस बाबत शिकायत जल निगम और शासन के उच्चाधिकारियों से की है।
जल जीवन मिशन के तहत जनपद पौड़ी के द्वारीखाल ब्लॉक के अन्तर्गत ग्राम सभा खजरी सनेत गांव की योजना जल निगम कोटद्वार द्वारा निर्मित की गई। इस योजना पर करीब 10 लाख का खर्चा हो चुका है परन्तु अभी भी उपभोक्ताओं को कहने भर को जलापूर्ति हो रही है। इस पर तुर्रा ये है कि इसी योजना में निर्मित टैंक से दूसरे गांव को भी पेयजल आपूर्ति की गई है, जबकि इसी डिवीजन के अन्तर्गत झिमरौली पेयजल योजना से वहां पेयजल आपूर्ति हो रही है। परिणामस्वरूप सनेत के ग्रामीणों का पेयजल संकट बढ रहा है ।
सनेत गांव पेयजल योजना की हकीकत ये है कि पाइपलाइन को स्रोत से टैंक की ओर न डालकर टैंक से आगे पाइपलाइन डाली गयी जो कि कई स्थानों में भूमिगत नहीं है। अनेक स्थानों में पानी लीकेज हो रहा है। पाइप लाइन पर मोड़ वाली जगह पर एल्बो-बैण्ड लगाने के बजाय पाइपों को जोर जबरदस्ती मोड़ा गया है। मानकों के अनुरूप कार्य न होने के कारण स्टैंड पोस्ट जगह-जगह लटक रहे हैं।
यही नहीं योजना के अन्तर्गत नया पेयजल टैंक बनना प्रस्तावित था, परन्तु नया टैंक न बनाकर पुराने टैंक पर ही लीपापोती कर योजना के लिए स्वीकृत धनराशि का भी दुरुपयोग किया गया। ग्रामीणों ने इस मामले में प्रबन्ध निदेशक उत्तराखंड जल निगम तथा सचिव पेयजल उत्तराखण्ड शासन को पत्र लिखकर योजना की जांच तथा पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है।
सनेत गांव पेयजल योजना की हकीकत ये है कि पाइपलाइन को स्रोत से टैंक की ओर न डालकर टैंक से आगे पाइपलाइन डाली गयी जो कि कई स्थानों में भूमिगत नहीं है। अनेक स्थानों में पानी लीकेज हो रहा है। पाइप लाइन पर मोड़ वाली जगह पर एल्बो-बैण्ड लगाने के बजाय पाइपों को जोर जबरदस्ती मोड़ा गया है। मानकों के अनुरूप कार्य न होने के कारण स्टैंड पोस्ट जगह-जगह लटक रहे हैं।
यही नहीं योजना के अन्तर्गत नया पेयजल टैंक बनना प्रस्तावित था, परन्तु नया टैंक न बनाकर पुराने टैंक पर ही लीपापोती कर योजना के लिए स्वीकृत धनराशि का भी दुरुपयोग किया गया। ग्रामीणों ने इस मामले में प्रबन्ध निदेशक उत्तराखंड जल निगम तथा सचिव पेयजल उत्तराखण्ड शासन को पत्र लिखकर योजना की जांच तथा पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है।