विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन को चार दिन का ही समय रहने के बावजूद अभी तक भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी नहीं की है। ऐसे में सभी की नजरें इस ओर टिक गई हैं। राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रत्याशी चयन के मद्देनजर दोनों दलों की नजरें एक-दूसरे के कदमों पर भी जमी हुई हैं। इसे भी विलंब की वजह माना जा रहा है। भाजपा को 11 तो कांग्रेस को 17 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करनी है।
भाजपा ने 20 जनवरी को विधानसभा की 70 में से 59 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। फंसी हुई शेष 11 सीटों के लिए पार्टी तब से माथापच्ची में जुटी है, लेकिन अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है। यह सीटें भिन्न-भिन्न कारणों से अटकी हुई हैं। किसी सीट पर जिताऊ प्रत्याशी की तलाश है तो कहीं मजबूत दावेदारों की ज्यादा संख्या को देखते हुए किसी एक पर निर्णय लिया जाना है। कुछेक सीटों पर जातीय व सामाजिक समीकरण उलझे हुए हैं।
भाजपा सूत्रों के अनुसार छह सीटों की गुत्थी को सुलझा लिया गया है, लेकिन अन्य में पेच अभी बरकरार है। इसे लेकर प्रदेश चुनाव प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य नेता मंथन में जुटे हैं। एक-दो दिन के भीतर केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत के बाद इन सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे। कांग्रेस की बात करें तो उसने रविवार रात्रि अपने 53 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी। कांग्रेस में भी 17 सीटों पर विभिन्न कारणों से असमंजस बना हुआ है। इनमें गढ़वाल मंडल की 13 और कुमाऊं मंडल की चार सीटें शामिल हैं। कांग्रेस भी इन सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर उलझन में है।