देहरादून। उत्तराखंड में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होने के साथ ही गढ़वाल में भी कांग्रेस में विरोध के सुर सतह पर आ गए हैं। टिकट से वंचित रह गए दावेदार और उनके समर्थक अब पार्टी प्रत्याशियों से ही दो-दो हाथ करने के मूड में नजर आ रहे हैं। कई दावेदारों ने तो निर्दलीय मैदान में उतरने की घोषणा भी कर दी है, जबकि कुछ दावेदार समर्थकों के साथ रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। जाहिर है इससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ेंगी ही।
घनसाली विधानसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। घनसाली से दावेदार रहे पूर्व विधायक भीमलाल आर्य का कहना है कि कांग्रेस ने धोखा किया है, इसलिए वह निर्दलीय मैदान में उतरेंगे।धनोल्टी सीट पर टिकट से वंचित रहे डा. वीरेंद्र सिंह रावत पार्टी से खासे नाराज हैं। उनका आरोप है कि पार्टी ने उन पर विश्वास नहीं किया। उन्हें आगे क्या करना है, इसका फैसला वह समर्थकों के साथ बैठक करने के बाद लेंगे।
यमुनोत्री सीट से टिकट न मिलने से नाराज संजय डोभाल ने चिन्यालीसौड़ में समर्थकों के साथ बैठक कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। वहीं, कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष चिन्यालीसौड़ राजेंद्र पंवार, ब्रह्मखाल अध्यक्ष मनोज राणा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष ब्रह्मखाल रेशमा रावत, उजाली बिष्ट, ब्लाक महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष कविता परमार, यमुनोत्री विधानसभा अध्यक्ष अरुण नौटियाल, इंटरनेट मीडिया अध्यक्ष राहुल रावत, ब्लाक यूथ कांग्रेस अध्यक्ष नंदकिशोर व उपाध्यक्ष अखिलेश जुवांठा ने पार्टी से इस्तीफे का एलान किया है। उधर, पुरोला सीट से पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष प्यारे लाल हिमानी ने टिकट न मिलने पर नाराजगी जताई है।
कर्णप्रयाग सीट से टिकट वितरण में असंतोष जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश बिष्ट ने समर्थकों से बातचीत के बाद आगे राजनीतिक कदम बढ़ाने की घोषणा की है। उनका कहना है कि पार्टी में बने रहने का अब कोई औचित्य नही है। सोमवार को समर्थकों के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा।पौड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा के बाद टिकट के दावेदार रहे पूर्व जिला पंचायत सदस्य तामेश्वर आर्य नाराज हैं। उन्होंने जहां चुनाव लड़ने की घोषणा की है, वहीं पार्टी छोड़ने का मन भी बना चुके है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि निर्दलीय मैदान में उतरेंगे या किसी अन्य दल से।