पिंडर घाटी के प्रमुख कस्बों को बचाने के लिए प्रयास जारी

पिंडर घाटी के प्रमुख कस्बों को बचाने के लिए प्रयास जारी

थराली। पिंडर घटी एक-एक प्रमुख बाजार एवं धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गांव केवरतल्ला के अस्तित्व पर पिछले तीन दशकों से अधिक समय से छाए खतरों के बादल छट जाएंगे। दरअसल पिछले एक सदी से भी अधिक समय से नारायणबगड़ कस्बा पिंडर घाटी एक-एक प्रमुख स्थानों में से एक रहा हैं। आजादी के बाद 60 के दशक में ग्वालदम-थराली-कर्णप्रयाग सड़क के निर्माण के बाद तो यह एक बड़ा व्यापारिक कस्बा बन गया। किंतु 80 के दशक से ही इस कस्बें पर प्राकृतिक आपदाएं लगातार प्रहार करती रही हैं। जिससे प्रति वर्ष इसके बाजार को करोड़ खर्च कर सजाने संवारने के बाद कुछ वर्षों में भूकटाव एवं भूस्खलन के कारण जैसा का तैसा हो जाना इस कस्बें की नियति बन गई है। इस कस्बें के ऊपरी हिस्से में बसा केवर तल्ला जो कि क्षेत्र के बढ़े गांव में सुमार हैं। और श्री नंदा देवी राजजात यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण गांव में सुमार हैं। नौटी से केवर गांव तक नंदा देवी का मायका एवं केवर गद्देरे से पार नंदा का ननिहाल माना जाता है। राजजात में केवर से नंदा की विदाई मायके के रूप में ही की जाती है। इस गांव पर भी अस्तित्व का खतरा बढ़ता जा रहा हैं। इस नारायणबगड़ कस्बें पर 2013 के पिंडर नदी ने इस कदर जलप्रलय ढहाया कि इस कस्बे के 50 प्रतिशत से अधिक भवन, सार्वजनिक सम्पत्ति एवं भूमि जलप्रपात की भेंट चढ़ गई इस प्रलय के निशान आज भी यहां पर देखें जा सकतें हैं। अन्य आपदा के निशान तों मिटते जा रहें हैं। किंतु ग्वालदम -कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिंडर नदी से हरसाल चतुर्मास में पिंडर नदी से हो रहें भूस्खलन कस्बें एवं केवर गांव के अस्तितुव को झकझोरने पर लगा हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग के इस स्थान में नियमित संचालन के लिए बीआरओ पिछले 20 वर्षों में करोड़ों रुपए खर्च कर चुका हैं किंतु इस का अबतक स्थाई ट्रीटमेंट नही हो पाया है। इस साल बीआरओ ने मार्ग के ट्रीटमेंट के तहत पिंडर नदी से ही भूकटाव रोकने के लिए कार्य करना शुरू कर दिया है।वही क्षेत्रीय विधायक भूपाल राम टम्टा की पहल पर कस्बें के आवादीय क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए सिंचाई विभाग को कार्य करने को कहा गया है। इसी के तहत गत दिवस विधायक के नेतृत्व में बीआरओ कमांडेंट आफिस इंजिनियर दिव्य प्रकाश, सिंचाई विभाग थराली के अधिशासी अभियंता राजकुमार चौधरी एवं नारायणबगड़ के जनप्रतिनिधियों एवं व्यापारियों के साथ मिलकर पिंडर नदी के तटों का निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए।
थराली विधायक भूपाल राम टम्टा ने कहा कि पिंडर घाटी के प्रमुख कस्बों में सुमार नारायणबगड़ कस्बें व केवर गांव को बचाने के लिए पूर्व में भी लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं। और अब इस पर युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा हैं। बताया कि इस समस्या से वे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पूर्व में ही अवगत करा चुके हैं। उन्होंने बचाव के लिए होने वाले निर्माण कार्यों में धन की कमी आड़े नही आने देने का आश्वासन दिया है।

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