देहरादून। डोईवाला विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय होता जा रहा है। जो की बीजेपी प्रत्याशी बृजभूषण गैरोला के लिए ठीक नहीं है। वैसे मुख्य मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी गौरव चौधरी और बीजेपी के बृजभूषण गैरोला के बीच है। पर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष जितेंद्र नेगी के निर्दलीय चुनावी मैदान में आने से यह मुकाबला त्रिकोणीय हो गया हैं।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बेहद नजदीकी मानें जाने वाले बृजभूषण गैरोला चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं, कांग्रेस ने गौरव चौधरी पर दाव खेला है। जबकि भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष जितेंद्र नेगी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं। वह तीन चार साल से डोईवाला सीट पर सक्रिय थे ऐसे में इन्हीं तीनों के बीच मुख्य मुकाबला देखा जा रहा है। वहीं इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। वैसे तो मैदान में यूकेडी से शिव प्रसाद सेमवाल और आम आदमी पार्टी से राजू मौर्य भी अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। और वहां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।
डोईवाला सीट से टिकट ना मिलने से नाराज जितेंद्र नेगी भी कहीं ना कहीं बीजेपी प्रत्याशी को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं। हालांकि, बीजेपी प्रत्याशी बृजभूषण गैरोला ने कहा कि जितेंद्र नेगी को पार्टी की ओर से समझाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन वे मानें नहीं। उनका दावा है कि नेगी से उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वे अपने बीच के ही प्रत्याशी कि मांग कर रहे थे और गौरव चौधरी उनके बीच का प्रत्याशी है। जिसका उन्हें पूरा फायदा मिलेगा।
वहीं निर्दलीय प्रत्याशी जितेंद्र नेगी ने कहा कि वे पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे पर भाजपा ने उन्हें टिकट न दे कर अनदेखी की गई और वे कई सालों से जनता के बीच में रहकर कार्य कर रहे हैं। उन्हें निर्दलीय भी जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। बहरहाल डोईवाला सीट पर त्रकोणीय मुकाबला होने की पूरी संभावना है। और पूर्व मुख्यमंत्री व विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत की साख दांव पर लगी है। क्योंकि वर्तमान में वह डोईवाला विधानसभा के विधायक हैं।