उत्तराखंड में भारी बारिश और बर्फबारी से चुनाव प्रक्रिया में भी खलल पड़ा है। प्रदेशभर में 15 पोलिंग पार्टियां बर्फबारी के चलते गंतव्य तक पहुंचने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में नौ पोलिंग पार्टियां व रुद्रप्रयाग जिले में दो पोलिंग पार्टियां बर्फबारी में फंस गयी। उधर, कुमाऊं मंडल के चंपावत जिलें में चार पोलिंग पार्टियां बर्फबारी में फंसी रहीं। बाद में जिला प्रशासन ने इनको वापस बुलाया। इन पार्टियों को पांच फरवरी के बाद दोबारा मतदान के लिए भेजा जाएगा।दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ मतदाताओं को पोस्टल बैलेट से घर पर ही मतदान कराने की व्यवस्था है। इसके लिए ये पोलिंग पार्टियां अपने गंतव्य के लिए निकली थीं। रुद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में पार्टी नंबर-14 (त्रिजुगीनारायण की पोलिंग पार्टी) बर्फबारी के चलते रास्ते में फंस गई। जबकि रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में पोलिंग पार्टी नंबर-एक (चंद्रनगर की पोलिंग पार्टी) भी बर्फबारी के चलते फंसी हुई है। पोस्टल बैलेट के नोडल अधिकारी व जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि बर्फबारी में फंसी टीमों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि चमोली जिले में बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं के लिए घरों में ही मतदान कराने को गैरसैंण क्षेत्र में भेजी गई आठ पोलिंग पार्टियां कर्णप्रयाग-गैरसैंण हाईवे पर दिवालीखाल में बर्फबारी के बीच फंसी हुई हैं। जबकि एक पोलिंग पार्टी वापस आते हुए बर्फबारी के कारण फंसी हुई है। इन पोलिंग पार्टियों को प्रशासन ने वापस बुलाया है, लेकिन 10 किमी क्षेत्र में बर्फ से सड़क मार्ग पूरी तरह से बंद है। इस कारण यहां वाहनों का आवागमन अवरुद्ध है।कुमाऊं मंडल के चंपावत जिले में मतदान के लिए जा रही चार टीमें भी बर्फबारी के कारण फंस गयीं।प्रशासन पोलिंग पार्टियों को निकालने की कोशिश कर रहा है। सीमांत मंच की ओर जा रही पोलिंग पार्टी मौन पोखरी के पास बर्फ के कारण फंस गई, वहीं दूसरी पार्टी जो कि गोली बिरगुल जाना था वह सलना पुल के पास खेतीखान में फंसी हुई है। वहीं लोहाघाट की ओर जा रहे चुनाव ड्यूटी के कर्मचारी मानेश्वर के पास फंसे हुए हैं। प्रशासन उन्हें किसी प्रकार से निकालने का प्रयास कर रहा है। कड़कड़ाती ठंड में कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।