उत्तराखंड में भी राजनीतिक दल अब खुले मैदानों में छोटी सभाएं कर सकेंगे

उत्तराखंड में भी राजनीतिक दल अब खुले मैदानों में छोटी सभाएं कर सकेंगे

उत्तराखंड में भी राजनीतिक दल अब खुले मैदानों में छोटी सभाएं कर सकेंगे। सभाओं में मैदान की कुल क्षमता के 30 प्रतिशत लोग ही सम्मिलित हो सकेंगे। निर्वाचन आयोग की ओर से यह छूट दिए जाने के बाद अब राज्य में लागू कोविड प्रतिबंध की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में इसे शामिल किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार शासन द्वारा इस संबंध में सोमवार को संशोधित एसओपी जारी की जाएगी।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर प्रदेश में वर्तमान में कोविड प्रतिबंध लागू हैं। यद्यपि, राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार छूट दी गई हैं। इसके अंतर्गत खुले मैदानों में होने वाली सभाओं के लिए अधिकतम एक हजार व्यक्तियों और सभागारों अथवा बंद स्थानों में होने वाली बैठकों के लिए पांच सौ व्यक्तियों के भाग लेने की अनुमति पहले ही दी गई है। सूत्रों के अनुसार अब खुले मैदानों में 30 प्रतिशत बैठक क्षमता के साथ सभाओं की अनुमति दिए जाने के मद्देनजर इसे भी कोविड प्रतिबंध का हिस्सा बनाते हुए इस बारे में संशोधित एसओपी जारी की जाएगी।

राज्य में चुनावी सभाओं के लिए आयोग ने पहले ही 601 मैदान चिह्नित किए हैं। चुनाव प्रचार के मद्देनजर छोटी सभाओं के लिए पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर इनकी आनलाइन बुकिंग होगी।राज्य में 14 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। पोलिंग पार्टियों की रवानगी से पहले जिला निर्वाचन अधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में व्यवस्था का जायजा लिया। सबसे पहले 12 फरवरी को चकराता क्षेत्र की पोलिंग पार्टियों को रवाना किया जाना है। इसके बाद 13 को शेष क्षेत्रों की पार्टियों की रवानगी होगी।

रविवार को जिला निर्वाचन अधिकारी ने पोलिंग पार्टियों को निर्वाचन सामग्री वितरण के लिए बनाए गए स्थल, मतदान के बाद ईवीएम व निर्वाचन सामग्री रखने को बनाए गए विधानसभावार स्थल का भी जायजा लिया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने लोनिवि को निर्देश दिए कि जो भी निर्वाचन स्थल बनाए जा रहे हैं उनमें कोरोना संक्रमण की रोकथाम का उचित इंतजाम किया जाए। जिला निर्वाचन अधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि सभी कार्य मानकों के अनुरूप पूरे किए जाएं और किसी भी कार्य में शिथिलता न बरती जाए। निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा. एसके बरनवाल, उपजिलाधिकारी मसूरी नरेश चंद्र दुर्गापाल, उपजिलाधिकारी युक्ता मिश्रा, अधीक्षण अभियंता डीसी नौटियाल आदि शामिल रहे।

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