देहरादून। हरिद्वार लोकसभा सीट पर नामांकन के लिए आखिरी 2 दिन बचे हैं। मगर उससे पहले ही राजनीतिक खेला शुरू हो गया है। बहुजन समाज पार्टी ने अपना उम्मीदवार बदलने का फैसला कर लिया है। बीएसपी ने कुछ दिन पहले ही भावना पांडे को टिकट दिया था लेकिन अब उन्हें साइडलाइन कर स्थानीय नेता को टिकट देने की बात कही जा रही है। खास बात ये है कि हरिद्वार सीट पर किसी भी पार्टी ने लोकल लीडर को उम्मीदवार नहीं बनाया है। त्रिवेंद्र रावत मूल रूप से पौड़ी के रहने वाले हैं, जबकि हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत अल्मोड़ा के मूल निवासी है।
निर्दलीय उमेश कुमार तो उत्तराखंड के ही निवासी नहीं हैं। भावना पांडे भी हरिद्वार की मूल निवासी नहीं हैं इसीलिए बीएसपी अब हरिद्वार से किसी स्थानीय को टिकट देकर लोगों के वोट पाने की कवायद में हैं। माना जा रहा है कि किसी भी वक्त पार्टी कैंडिडेट घोषित कर देगी। इस ख़बर के बाद भावना पांडे ने बीएसपी छोड़ने का ऐलान कर दिया है साथ ही बीजेपी उम्मीदवार त्रिवेंद्र रावत के समर्थन की बात कही है। यानी त्रिवेंद्र के लिए हरिद्वार में एक और समर्थक तैयार है। बीते दिनों कई बीएसपी नेता और कार्यकर्ताओं ने भी बीजेपी ज्वाइन की है। इसीलिए अब हरिद्वार की जंग और भी तेज हो गई है। हालांकि हरिद्वार समेत उत्तराखंड के सभी कांग्रेसी मान रहे हैं कि हरीश रावत ने अपने बेटे को उम्मीदवार बनवा कर हरिद्वार की सीट बीजेपी को गिफ्ट कर दी है। ऐसे में कांग्रेस कैसे लड़ेगी और कैसे जीतेगी इसे लेकर तमाम सवाल हैं। साथ ही हरीश रावत के लिए बड़ी चुनौती है कि वो हरिद्वार सीट जिताकर अपने फैसले को सही साबित करें।