नई दिल्ली/देहरादून। रेलवे ने यात्रियों को बड़ी राहत दी है। आइआरसीटीसी के वेबसाइट से बुक किए गए वेटिंग और आरएसी टिकटों के रद्द किए जाने की स्थिति में सुविधा शुल्क के नाम पर मोटी रकम की कटौती नहीं होगी। ऐसे टिकटों पर अब रेलवे की ओर से निर्धारित प्रति यात्री 60 रुपये कैंसिलेशन शुल्क ही लगाया जाएगा इससे रेलवे यात्रियों को बड़ी राहत मिली है।
आइआरसीटीसी के वेबसाइट से बुक किए गए वेटिंग व आरएसी टिकटों के रद्द किए जाने की स्थिति में सुविधा शुल्क के नाम पर मोटी रकम की कटौती नहीं होगी।ऐसे टिकटों पर अब रेलवे की ओर से निर्धारित प्रति यात्री 60 रुपये रद्दीकरण शुल्क ही लगाया जाएगा। गिरिडीह के सामाजिक सह सूचनाधिकार कार्यकर्ता सुनील कुमार खंडेलवाल की शिकायत पर रेलवे ने यात्रियों को यह राहत देने का निर्णय लिया है। इससे पूरे देश के लोगों को राहत मिलेगी।
खंडेलवाल ने गत 12 अप्रैल को रेल प्रशासन को टिकट रद्दीकरण के संबंध में आइआरसीटीसी की ओर से मनमाना शुल्क लिए जाने के संबंध में पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने कहा था कि आइआरसीटीसी के वेबसाइट से बुक किए गए वेटिंग टिकटों के कंफर्म नहीं होने पर रेलवे खुद उन टिकटों को रद्द कर देता है। साथ ही हमारे द्वारा भुगतान की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा सर्विस चार्ज के रूप में काट लिया जाता है।
शिकायत के बाद IRCTC की कार्रवाई
उदाहरण के तौर पर कहा था कि 190 रुपये के वेटिंग टिकट बुक करने पर टिकट कंफर्म नहीं होता है तो रेलवे मात्र 95 रुपया ही वापस करता है। इसी शिकायत के आलोक में आइआरसीटीसी ने यह बड़ी कार्रवाई की है। आइआरसीटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने 18 अप्रैल को खंडेलवाल को सूचित किया है कि टिकट बुकिंग, रिफंड से संबंधित नीति, फैसले और नियमन भारतीय रेलवे (रेलवे बोर्ड) का विषय है। आइआरसीटीसी रेलवे की ओर से तैयार किए गए नियमों और विनियमों का पालन करने के लिए बाध्य है।
उन्होंने आगे कहा है कि पूरी तरह से प्रतीक्षा सूची, आरएसी टिकट क्लर्केज शुल्क के मामले में भारतीय रेलवे नियमों के अनुसार, 60 रुपये प्रति यात्री रद्दीकरण शुल्क लगाया जाएगा। आइआरसीटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने खंडेलवाल के सुझाव की काफी सराहना की है।साथ ही मामले को रेल प्रशासन के समक्ष लाने के लिए उनका आभार प्रकट किया है। इधर, खंडेलवाल ने मामले को संज्ञान में लेने और अतिशीघ्र कार्रवाई करने के लिए रेल प्रशासन का आभार प्रकट किया है।