बड़ी खबर: एडीबी की जांच रिपोर्ट पर जल संस्थान के अधीक्षण अभियन्ता ने उठाया सवाल

* रुड़की सीवरेज योजना एवं रुड़की ड्रेनेज योजना में गणेशपुर में भू धंसाव के बाद की थी योजना की विस्तृत जांच, चार सदस्यीय जांच दल में थे आइआइटी रुड़की सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विशेषज्ञ सहित पेयजल निगम, लोनिवि एवं सिंचाई विभागों के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंन्ता
दून विनर/देहरादून। उत्तराखंड जल संस्थान कार्यालय पंतद्वीप हरिद्वार के अधीक्षण अभियंता ने रुड़की सीवरेज योजना के अंतर्गत गणेशपुर रुड़की में विगत मानसून में हुए भू धंसाव पर एडीबी की जांच रिपोर्ट को कटघरे में खड़ा किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी स्थानीयं, अनुरक्षण कर रहे विभाग को जांच में सम्मिलित/अवगत कराए ही रुड़की सीवरेज योजना में भू धंसाव की जांच की गयी है जिसमें कारण और निवारण को मात्र एक पेज में निपटाया गया है। अधीक्षण अभियन्ता ने जांच रिपोर्ट को अधूरी करार देते हुए विस्तृत जांच की जरूरत बताई है।
अधीक्षण अभियन्ता ने इस बावत महाप्रबंधक उत्तराखण्ड जल संस्थान, मुख्यालय नेहरू कॉलोनी देहरादून को पत्र लिखा है। पत्र में साफ कहा है कि जांच रिपोर्ट केवल एक स्थान पर भू धंसाव की बात कर रही है जबकि निर्माण के समय से ही भू-धंसाव की स्थिति निरन्तर न सिर्फ गणेशपुर, अपितु डी.ए.वी. कालेज रोड, रामपुर रोड, चावमण्डी, चन्द्रपुरी आदि क्षेत्रों में जहां पर कि गुरुत्व से सीवेरेज प्रवाहित होता है। वहां पर भी भू-धंसाव हो रहे हैं।
गौरतलब है कि इस सीवर लाइन को उत्तराखंड सरकार के अर्बन डेवलेपमेंट डिपार्टमेंन्ट के अधीन उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलेपमेंट एजेंसी ने बिछाया है। इस योजना का संचालन वर्तमान में अधिशासी अभियन्ता, अनुरक्षण शाखा (गंगा), उत्तराखण्ड जल संस्थान, जगजीतपुर, हरिद्वार द्वारा किया जा रहा है। रुड़की शहर में सोनाली नदी में गिर रहे गंदे नालों के रिसाव को एसटीपी में डायवर्ट करने के लिए रुड़की सीवरेज योजना और रुड़की ड्रेनेज योजना अस्तित्व में है। इस बारे में एनजीटी दिल्ली के आदेश हैं।
अधीक्षण अभियन्ता यशगौर मल्ल ने उत्तराखण्ड जल संस्थान के महाप्रबंधक को दिए गए पत्र में 27 मई 2024 को हरिद्वार के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई बैठक का जिक्र किया है। इस बैठक में एडीबी, पेयजल विभाग, सिंचाई विभाग, उत्तराखंड जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड, ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट रुड़की, उपजिलाधिकारी तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे। समीक्षा बैठक में जब एडीबी ने जिलाधिकारी के सम्मुख सीवरेज लाइन में हो हुए भू धंसावों की जांच रिपोर्ट रखी तब जाकर इस रिपोर्ट की असलियत सामने आई जबकि पूर्व में अघीक्षण अभियन्ता को जांच रिपोर्ट मांगने के बावजूद भी नहीं दी गई थी। बैठक में यह भी सामने आया कि रुड़की सीवरेज योजना में एडीबी ने 10 पैकेजों के अंतर्गत केवल 3 पैकेजों में ही कार्य कराया है। अन्य पैकेजों पर कार्य कराने या नहीं कराने के बारे में एडीबी अधिकारी बैठक में कुछ नहीं बता सके। इसके बाद डीएम हरिद्वार ने सीवरेज योजना से छूट गए क्षेत्रों में कार्य हेतु पीआइयू, अमृत उत्तराखंड, पेयजल निगम को आगे की कार्यवाही के लिए निर्देश
दिए। यही नहीं एडीबी से जिलाधिकारी ने रुड़की शहर के गणेशपुर क्षेत्र में हो रहे भू धंसाव के बारे में जानकारी मांगी तो इस पर एडीबी ने जांच  कमेटी द्वारा की गई जांच की प्रति उपलब्ध कराई। इसमें ये बताया गया कि केवल एक मेनहोल चैम्बर में पम्पिंग के समय भू धंसाव की स्थिति उत्पन्न होती है।
मौके पर ही बैठक में अधीक्षण अभियन्ता यशगौर मल्ल द्वारा अवगत कराया गया कि निर्माण के समय से ही भू-धंसाव की स्थिति निरन्तर देखी गई जो गणेशपुर के साथ डी.ए.वी. कालेज रोड, रामपुर रोड, चावमण्डी, चन्द्रपुरी आदि क्षेत्रों में है। ये वे स्थान हैं जहां गुरुत्व से सीवरेज प्रवाहित होता है।
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