अगर कांग्रेस की सरकार आई तो मुख्यमंत्री पद के लिए यशपाल आर्य की खुल सकती है लाटरी!

अगर कांग्रेस की सरकार आई तो मुख्यमंत्री पद के लिए यशपाल आर्य की खुल सकती है लाटरी!

देहरादून।  भले ही प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला 10 मार्च को होगा। मगर उत्तराखंड में दोनों राष्ट्रीय दलों ने अपने अपने जीत के दावे किए जा रहे हैं।  उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी, लेकिन मतदान के बाद से वह खुद को मुख्यमंत्री बनाने या घर बैठने की बात कहते नजर आने लगे थे। वहीं, इन सबके बीच उन्होंने फिर से दलित सीएम का राग आलापना शुरू कर दिया है। जिसको लेकर एक बार फिर उत्तराखंड में राजनीति तेज हो गई है।

मतदान खत्म होते ही हरीश रावत मुख्यमंत्री पद को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। चुनाव से पहले हरीश रावत ने किसी दलित को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा जाहिर की थी और इसके ठीक बाद उन्होंने यशपाल आर्य और उनके बेटे को कांग्रेस में शामिल करवाया था। इसके बाद हरीश रावत का नया बयान आया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री वहीं बनेगा, जिसे विधायक अपना नेता चुनेंगे।

उसके कुछ ही दिनों बाद सब ने देखा कि कैसे हरीश रावत ने खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के लिए पार्टी पर दबाव बनाया और खुद के मुख्यमंत्री बनने या घर बैठने की बात तक कह डाली। वहीं, एक बार फिर से हरीश रावत ने सीएम पद को लेकर दलित चेहरे का राग छेड़ा हैं। उन्होंने कहा वह भी चाहते हैं कि पंजाब की तरह उत्तराखंड में भी किसी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया जाए और वह अपने राजनीतिक करियर में एक बार ऐसा देखना चाहते हैं।  हरीश रावत के इस नए बयान से उत्तराखंड में राजनीति गरमा गई है। हरीश रावत के दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर भाजपा हमलावर दिखाई दे रही है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने कहा कि हरीश रावत अपने बयानों से हमेशा लड़ते रहे हैं। अब जब अपनी सरकार बनने का दावा हरीश रावत कर रहे हैं तो दलित को छोड़कर खुद मुख्यमंत्री बनने की जद्दोजहद में जुट गए हैं।

वही कुछ वरिष्ठ कांग्रेसियों का कहना है अगर 10 मार्च को कांग्रेस की सरकार बनती है और हरीश रावत के विरोधी गुट हरीश रावत के खिलाफत करते हैं तो ऐसे में विरोधी गुट को जवाब देने के लिए वह हाईकमान के सामने दलित चेहरा यशपाल आर्य का नाम मुख्यमंत्री के लिए आगे कर सकते हैं।

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