कानून व्यवस्था दुरस्त, समाज को भी कानूनी दायरे में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का हक : भट्ट

कानून व्यवस्था दुरस्त, समाज को भी कानूनी दायरे में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का हक : भट्ट

* सामाजिक चौकीदारी पर आपत्ति, विपक्ष की अपराध को संरक्षण देने की नीति : भट्ट

* शांति एवं जनसांख्कीय संतुलन के लिए शासन प्रशासन के साथ सामाजिक जागरूकता भी जरूरी

* भाजपा भेदभाव के खिलाफ, लेकिन समाज को अपनी सुरक्षा के लिए रोक टोक का हक

देहरादून। भाजपा ने कानून व्यवस्था के चाक चौबंद होने का दावा करते हुए स्पष्ट किया है कि समाज को भी कानून के दायरे में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का पूरा पूरा हक है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने रुद्रप्रयाग निवासियों के प्रयासो पर विपक्ष की आपत्तियों को अपराधी मनोवृति के संरक्षण की राजनीति करार दिया है। भाजपा, देवभूमि की शांति एवं जनसांखकीय संतुलन बनाए रखने के लिए शासन प्रशासन के साथ सामाजिक जागरूकता को भी अहम मानती है।

उन्होंने प्रदेश भर में सामाजिक सुरक्षा के तहत अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को लेकर स्थानीय लोगों की जागरूकता पर कांग्रेसी बयानों की कड़ी आलोचना की है। साथ ही स्पष्ट किया कि राज्य में अपराधिक घटनाओं के संज्ञान में आते ही, तत्काल कठोरतम कार्यवाही की जा रही है । ऐसी अधिकांश घटनाओं में संलिप्त लगभग सभी आरोपी कानून की गिरफ्त में हैं। अब चूंकि किसी भी जागरूक वर्ग में सामाजिक चौकीदारी का भी अहम रोल होता है जिसके मद्देनजर कुछ पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामीणों ने संदेशात्मक बोर्ड लगाए गए हैं एवं शहरी इलाकों में भी जागरूक नागरिक विभिन्न तरीकों से अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। सामाजिक सुरक्षा के अधिकार के तहत लोगों को अपने गांव एवं इलाकों में चोरी, अपराध एवं गलत उद्देश्य से आ रहे लोगों से रोक-टोक करने और जानकारी लेने का अधिकार है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि हालांकि किसी धर्म या वर्ग विशेष के खिलाफ भेदभाव वाले अधिकार किसी को नहीं है। लेकिन कांग्रेस और विपक्ष का अपने वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों की ऐसी अच्छी कोशिशें पर सवाल खड़े करना निंदनीय है। इससे स्पष्ट होता है कि विपक्ष राज्य में पहाड़ की शांति भंग करने और वहां की डेमोग्राफी बदलने की साजिशों का समर्थन करती है। उन्हें देवभूमि में अपराधी घटनाओं में हो रही सख्त कार्यवाहियों एवं जनता की जागरूकता से कोई मतलब नहीं है। समाज में सुरक्षित होने की कोई भी भावना, कांग्रेस के लिए वर्ग विशेष के तुष्टीकरण के अवसर से अतिरिक्त कुछ नही है। जहां तक बात रही भाजपा की तो वह शासन प्रशासन की कोशिशों के साथ सामाजिक चेतना को भी सुरक्षित देवभूमि के लिए अहम मानती है।

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