* समय पर चुनाव के लिए तत्परता दिखा रही कांग्रेस करती रही ढोंग
देहरादून। भाजपा ने विधानसभा की प्रवर समिति की बैठक से कांग्रेस विधायकों के नदारद रहने पर निशाना साधते हुए ओबीसी प्रतिनिधित्व एवं निकाय चुनावों के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है। साथ ही कांग्रेस विधायकों से जनहित में प्रवर समिति की अगली बैठक शामिल होने की अपील की है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में तंज किया कि कल तक कांग्रेस पार्टी निकाय चुनाव नही करने के झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करती रही और जब इस मुद्दे पर गठित प्रवर समिति की बैठक में अपना पक्ष रखने की बात आई तो उनके विधायकों ने बैठक में आना ही जरूरी नहीं समझा। कांग्रेस पार्टी ने ऐसा कर, ओबीसी आरक्षण निर्धारण एवं निकाय चुनाव के गंभीर मुद्दे पर अपना गैरजिम्मेदाराना रवैया दिखाया है । कॉंग्रेस कभी भी संवैधानिक संस्थाओं एवं प्रक्रियाओं को लेकर सकारात्मक नही रही है और हमेशा इसका दुरुपयोग अपनी नकारात्मक राजनीति के लिए करती आई है।
उन्होंने 24 सितंबर को होने वाली प्रवर समिति की दूसरी बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस विधायकों से अपील की है। क्योंकि सदन द्वारा एक माह में समिति को इस मुद्दे पर रिपोर्ट रिपोर्ट सौंपनी है, लिहाजा जनहित में उन्हें इस मुद्दे पर गंभीरता दिखानी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा तो शुरुआत से ही कह रही हैं कि कांग्रेस पार्टी ओबीसी आरक्षण के खिलाफ है, वह नहीं चाहती समाज के पिछड़े वर्ग को निकाय चुनाव में उनका प्रतिनिधित्व मिले। यही वजह है कि जल्दी चुनाव कराने की मांग के पीछे उनकी मंशा एक बड़े वर्ग को जनप्रतिनिधित्व की भूमिका से अलग करना है। जबकि भाजपा ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए एकल सदस्यीय आयोग बनाया और उस आयोग की विस्तृत रिपोर्ट को सदन में रखा। जहां सदन की सहमति से बनी प्रवर समिति की बैठक में भी भाजपा विधायक चर्चा के लिए उपस्थित रहे । लेकिन सड़क पर हल्ला मचाने वाली कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है, क्योंकि उनके लिए यह पूरा विषय राजनीतिक है । कांग्रेस अच्छी तरह से जानती है कि निकाय चुनाव कभी भी हो कांग्रेस की असलियत सामने आयेगी। लेकिन भाजपा के लिए समाज से सभी वर्ग और क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व बेहद महत्व रखता है । पिछले नगर निकाय चुनावों मे भाजपा ने फ़ीसदी निकाय सीटों सफलता हासिल की थी। इस बार भी भारतीय जनता पार्टी अपने पिछले आंकड़े से अधिक जीत दर्ज करने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है।