देहरादून। भाजपा ने बिजली स्मार्ट मीटर को उपभोक्ताओं और प्रदेश की आर्थिकी के लिए जरूरी बताया है। भाजपा प्रवक्ता पूर्व मंत्री खजान दास ने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को झूठ एवं राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि कांग्रेस को विद्युत चोरी रुकने या लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलने मे कोई रुचि नही है।
उन्होंने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी आम जनमानस की जरूरतों को लेकर हमेशा गंभीर एवं संवेदनशील रहते हैं। यही वजह है कि हाल ही में उन्होंने उपभोक्ताओं को फ्री बिजली की सौगात दी है । जिसके तहत उच्च हिमालई क्षेत्रों में 200 यूनिट और मैदानी क्षेत्रों में 100 यूनिट बिजली सब्सिडी के तहत मुफ्त दी जाएगी।
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के आरोपों को बेबुनियाद एवं राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि झूठे आरोप लगाने के बजाय बेहतर है कि उन्हें सरकार से इस नवीनतम और जरूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी लेना चाहिए । स्मार्ट मीटर विद्युत उपभोक्ता एवं विभाग दोनों को स्मार्ट बनाने वाले समय की जरूरत है । इससे उपभोक्ताओं को बिजली खपत से जुड़ी सूचनाओं की आनलाईन उपलब्धता, पल पल के बिजली के उपयोग की जानकारी, सभी जरूरी सूचनाओं के सन्देश, बिजली के उपयोग की तुलना आदि सहित आसानी से भुगतान के कई विकल्प मिलेंगे । यह उत्तराखंड में ही नही, देश भर में लगभग 20 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाया जाना स्वीकृत किया गया है। देश भर की लगभग 26 विद्युत वितरण कम्पनियों में स्मार्ट मीटर लगाये जाने के कार्य आवंटित हुए है और 55 लाख से अधिक स्मार्ट कनेक्शन लगाए जा चुके हैं । इसी क्रम में में राज्य में भी स्मार्ट मीटर लगाये जाने हेतु कार्यदायी संस्थाओं का चयन कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने से उपभोक्ताओं की बिलिंग में किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना समाप्त हो जाएगी और बिलिंग सम्बन्धी शिकायतों में कमी होगी। खपत की डिटेल का विवरण उपभोक्ता को मोबाइल एप पर मिलेगा तथा हर माह मीटर रीडिंग कराने से छुटकारा, बिजली बिल पर लगने वाले ब्याज या लेट फीस से छुटकारा, बिल का भारी बकाया हो जाने जैसी समस्या से छुटकारा मिलेगा। इतना ही नही, घर बैठे मीटर को मोबाइल एप या ऑनलाइन रिचार्ज करने की सुविधा होगी। प्रीपेड स्मार्ट मीटर स्थापना से वर्तमान में लागू विद्युत दर पर 4% की छूट मिलेगी और छुट्टियों के दिनों में या रात में बैलेंस खत्म होने के बाद भी बिना रूकावट बिजली की उपलब्धता रहेगी। बजट के अनुसार उपभोक्ता बिजली खर्च पर स्वयं नियंत्रण कर सकेंगे। विद्युत फाल्ट व सप्लाई बाधित होने की तुरंत जानकारी मिलेगी । वहीं सोलर लगाने पर इसी मीटर को नेट मीटर में बदल दिया जाएगा। स्मार्ट मीटर के डाटा के आधार पर भविष्य में व्यवस्था में सुधार के लिए योजना बनाने में आसानी होगी, साथ ही पुराने मीटर को स्मार्ट मीटर से बदलने पर कोई इंस्टॉलेशन शुल्क नहीं लिया जायेगा।
वहीं उपभोक्ताओं को मिलने वाले ढेरों लाभों के अतिरिक्त यह नवीनतम तकनीक विद्युत विभाग की आर्थिकी के लिए भी जरूरी है। इससे बिजली की चोरी नही होगी और विभाग को अधिक आर्थिक लाभ होगा। लेकिन कांग्रेस नही चाहती कि बिजली चोरी रुके और राज्य को फायदा हो। उन्होंने कांग्रेस से आग्रह किया कि राज्य राज्यहित में उन्हें इस तरह की नकारात्मक राजनीति से बचना चाहिए।