* मुख्यमंत्री की चेतावनी के अब केवल नौ दिन बाकी लेकिन राजधानी की सड़कों के हाल जस के तस
* डालनवाला वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष डाक्टर अनिल जग्गी ने बताई समस्याएं
* मोहिनी रोड पर गड्ढों वाली सड़क से किया फेसबुक लाइव
स्मार्ट सिटी में अभी भी गड्ढों में ही खोजनी पड़ रही सड़क: सूर्यकांत धस्माना
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बार-बार चेतावनी का असर राज्य के अधिकारियों पर कितना पड़ता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण देहरादून को 15 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त करने का मुख्यमंत्री का ऐलान हवा हवाई साबित हो रहा है। क्योंकि अब केवल नौ दिन शेष बचे हैं और अभी तक राजधानी की सड़कों को गड्ढों में ही खोजना पड़ रहा है यह बात आज देहारदून के बीचों बीच सबसे पोश कहलाए जाने वाले इलाके डालनवाला की सड़कों का निरीक्षण करने के बाद मोहिनी रोड पर सड़क में गड्ढों पर खड़े हो कर फेस बुक लाइव करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कही।
अपने अभियान गड्ढों में सड़क और सड़कों में गड्ढे अभियान के तहत शहर के अनेक इलाकों की बदहाल सड़कों की दशा का निरीक्षण करने के बाद धस्माना इस मुद्दे पर जिलाधिकारी समीन बंसल को मिल कर सारी स्थितियों से अवगत केरवा चुके हैं और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से भी सड़कों की दुर्दशा बयां कर चुके है। जिस का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर हाल में राज्य व राजधानी की सड़कों को पंद्रह अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त करने की घोषणा की थी।
अपने निरीक्षण के बाद धस्माना ने कहा कि पंद्रह अक्टूबर को अब केवल नौ दिन शेष बचे हैं और सहस्त्रधारा रोड, रायपुर रोड, रेलवे स्टेशन से सहारनपुर चौक होते हुए पातेलनगर तक रोड, बंजारावाला, कारगी, चांचक वाली सड़कें, हरिद्वार बाई पास रोड सभी का अभी भी बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि शहर के सबसे पाश इलाके डालनवाला जहां तमाम नामी गिरामी स्कूलों के अलावा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का निवास और भाजपा प्रदेश मुख्यालय है उसकी अधिकांश सड़कें गड्ढों में सड़कें हैं।
धस्माना के निरीक्षण के दौरान वहां पहुंचे डालनवाला रेजिडेंट वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष डाक्टर अनिल जग्गी व सोसाइटी की गवर्निंग बॉडी की सदस्य श्रीमती मृदुला चांदना ने श्री धस्माना को डालनवाला की नागरिक समस्याओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सड़कें जर्जर हैं और चौराहों पर ना तो स्पीड ब्रेकर हैं ना कोई ऐसी व्यवस्था है जिससे ट्रैफिक नियंत्रित हो सके जिसके कारण आए दिन इलाके में दुर्घटनाएं घटित होती हैं लोग चोटिल हो जाते हैं और कई बार तो गंभीर चोट के कारण मृत्यु भी हो जाती है।
उन्होंने धस्माना को बताया कि पूरे डालनवाला क्षेत्र में पचास से ज्यादा बड़े छोटे स्कूल हैं और स्कूल लगने और छुट्टी के समय तो लोगों का चलना दूभर हो जाता है। श्री जग्गी ने कहा की केंद्रीय डिफेंस कैंटीन का भंडारण ग्रह होने के कारण ट्रकों को आए दिन ई सी रोड पर खड़ा होना आम बात है और सबसे बड़ी समस्या कैंटीन की लग भग सात सौ मीटर बाउंड्री डालनवाला मोहिनी रोड पर है और इसकी दीवार कई जगह से गिरासू हो गई है जिसके कारण किसी भी दिन कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इसके अलावा कैंटीन के परिसर में लगे जंगली वृक्ष कभी भी सड़क पर गिरते रहते हैं जिससे बिजली की लाइन अनेक बार क्षति ग्रस्त हो चुकी है। स्थानीय निवासी श्री सहजाद ने बताया कि दो दिन पूर्व एक युवती स्कूटी से गिर कर गंभीर रूप से घायल हो गई जिसे अस्पताल पहुंचाया उसका पैर दो जगह से फ्रैक्चर हो गया।
धस्माना ने कहा कि वे इसीलिए महानगर देहरादून में यह अभियान चला रहे हैं जिससे जन प्रतिनिधि , शासन प्रशासन व सरकार जागे और सड़कों को ठीक करे। उन्होंने कहा की स्मार्ट सिटी की ऐसी दुर्दशा जब ये स्मार्ट नहीं थी तब भी कभी ऐसी नहीं रही किंतु स्मार्ट बनाने के लिए हजारों करोड़ रुपया खर्च करने के बाद जो हाल शहर का हो गया है उसके लिए राज्य की सरकार देहरादून का नगर निगम व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के करता धर्ता हैं। श्री धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री की 15 अक्टूबर की समय सीमा समाप्त होने के बाद वे इस मुद्दे पर स्वयं मुख्यमंत्री के पास गड्ढा युक्त सड़कों की तस्वीरें ले कर जायेंगे और अगर उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो फिर सरकार के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ी जाएगी। कार्यक्रम में डाक्टर अनिल जग्गी, श्री आनंद सिंह पुंडीर, श्रीमति मृदुला चांदना, श्री शहजाद आदि साथ रहे।