…तो आम जन के बीच ‘आप’ की चर्चा होना उत्तराखंड में बड़े दलों के लिए होगी खतरे की घंटी!

…तो आम जन के बीच ‘आप’ की चर्चा होना उत्तराखंड में बड़े दलों के लिए होगी खतरे की घंटी!

दून विनर/देहरादून
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सत्ता पर लगातार तीसरी बार काबिज आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में पहली बार जोर-शोर से विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए पूरी रणनीति के साथ तैयारी कर रही है। पार्टी ने कर्नल(से.नि.) अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया है।
ये भी करीब-करीब तय है कि अजय कोठियाल गंगोत्री सीट से चुनाव लडेंगे। पार्टी ने अब तक आधी विधानसभा सीटों पर प्रभारियों की नियुक्ति की है। ये प्रभारी प्रदेश नेतृत्व के निर्देशन में निचले स्तर तक पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं। पार्टी का कहना है कि पिछले दो दशक में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने बारी-बारी से सरकार बना प्रदेश को लूटा है। उत्तराखंड के लोग लूट के इस सिलसिले को तोड़कर बदलाव लाना चाहते हैं और इस बार लोग पूर्व फौजी अधिकारी के नेतृत्व में चुनावों में उतर रही आप से तेजी से जुड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अनंत राम चौहान बताते हैं कि पार्टी कार्यकर्ता लोगों के घर-घर तक पहुंच रहे हैं और उनकी समस्याओं पर बातचीत करते हुए घोषणा पत्र का एक विस्तृत खाका तैयार कर रहे हैं। इस खाके के आधार पर पार्टी लोगों से जुडऩे का काम करेगी।
उनका कहना है कि पार्टी चुनाव के मौके पर विधानसभा अनुसार घोषणा पत्र लाएगी। इसमें उत्तराखंड के विकास के लिए पार्टी की दृष्टि साफ होगी। इसके साथ ही पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सत्ता में बैठने का मौका मिलने पर उत्तराखंड को देश की आध्यात्मिक राजधानी बनाने की बात कर रहे हैं। दो बार उन्होंने हरिद्वार में आकर दिल्ली की तरह उत्तराखंड में ऑटो वालों से विशेष समर्थन मिलने की उम्मीद जताई। लोगों से रूबरू होने के उद्देश्य से दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के पिछले दिनों उत्तराखंड के तीन दौरे हो चुके हैं। आम आदमी पार्टी जन संवाद के तहत प्रदेश में विजय शंखनाद यात्रा निकाल रही है।
आप के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया की अगुवाई में 2 दिसम्बर से आप की प्रदेश में दूसरे चरण की विजय शंखनाद यात्रा की शुरुआत हुई। इस चरण में यात्रा गढवाल और कुमाऊं मंडल की आठ विधानसभा सीटों में होगी। खास बात ये है कि अन्य पार्टियों से हटकर नेतृत्व के मामले में अजय कोठियाल का चेहरा आगे कर आम आदमी पार्टी ने प्रदेश के मतदाताओं के सामने स्पष्ट विकल्प रखने की कोशिश की है। यह दूसरे दलों के लिए चुनौती है। सेवाकाल के दौरान कर्नल अजय कोठियाल केदारनाथ आपदा के बाद कांग्रेस की हरीश रावत सरकार में हुए पुनर्निर्माण कार्यो के जमीनी नेतृत्वकर्ता रहे। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में मौके पर मजदूरों और विभागीय कार्मिकों के साथ रहकर पूरी मुस्तैदी से पुनर्निर्माण कार्यों की मानीटरिंग आसान कतई नहीं रहा था।
कर्नल कोठियाल के कामों की काफी सराहना भी हुई। उत्तराखंड में चुनाव लडऩे को बेताब आम आदमी पार्टी ने अजय कोठियाल को लपक लिया, हालांकि वे सेवानिवृत्ति के बाद भाजपा, कांग्रेस से लेकर यूकेडी के भी सम्पर्क में रहे पर बात नहीं बनी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नल कोठियाल के पौड़ी से भाजपा से टिकट की कोशिशों की चर्चा भी हुई थी, हालांकि वे आप से पहले किसी राजनैतिक दल में शामिल नहीं हुए। आम आदमी पार्टी द्वारा चुनाव के लिए की जा रही तैयारियों को देखने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों सतर्क हो गए हैं ।
आप अगर उनके जनाधार में सेंध लगाती है तो करीबी मुकाबले में प्रदेश की प्रमुख पार्टियों का चुनावी गणित गड़बड़ा भी सकता है। खतरा ये भी है कि टिकट बंटवारे में उम्मीद के बिखरने पर भाजपा और कांग्रेस के असंतुष्ट आप का रुख कर इन दलों के लिए चुनाव के ऐन मौके पर कई सीटों पर नई मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी का कहना है कि उत्तराखंड में मतदाताओं के सामने तीसरा विकल्प ना होने से भाजपा और कांग्रेस 21 सालों से सत्ता की अदला बदली का मजा लूट रहे हैं जबकि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के क्षेत्र में पिछड़े इलाके आज भी नई रोशनी की बाट जोहते हैं, युवा रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि उत्तराखंड के लाखों लोग दिल्ली के जन जीवन का हिस्सा हैं जहां आम आदमी पार्टी की सरकार ने केन्द्र सरकार के अडिय़ल रुख के बावजूद सरकारी स्कूलों और सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में उदाहरण प्रस्तुत किया है। उत्तराखंड में मतदाताओं में इस बात की चर्चा है। यह आप के लिए उत्साह की बात है जबकि यहां सत्ता में रहे दलों के लिए खतरे की घंटी।
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