देहरादून। जीत बंपर हो या अंतर मामूली, जीत तो आखिर जीत है। बड़ी जीत के मायने यह हैं कि प्रतिद्वंद्वी आपसे कोसों दूर हैं और उन्हें जमीन को आसमान करना पड़ेगा। मामूली अंतर की जीत यह सबक सिखाती है कि अपने गढ़ को सुरक्षित रखने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। विधानसभा चुनाव परिणामों पर नजर डालते हैं। इस चुनाव में रायपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बंपर जीत में सबसे आगे खड़े हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी से 30 हजार वोटों से आगे हैं। मामूली जीत का अंतर देखा जाए तो अल्मोड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज तिवारी महज 141 वोटों से जीत दर्ज कर पाए। सर्वाधिक अंतर से जीत दर्ज करने वाले टाप 10 प्रत्याशियों में पांच देहरादून के हैं। साथ ही नौ प्रत्याशी भाजपा के हैं।
दूसरी तरफ मामूली अंतर से जीत दर्ज करने वाले 10 प्रत्याशियों में से पांच कांग्रेस के हैं और एक प्रत्याशी बसपा के। इससे यह भी पता चलता है कि कांग्रेस को प्रदेश में कितनी मेहनत करने की जरूरत है। क्योंकि जिन प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है, उनमें जीत का मार्जिन या तो सामान्य है या नाममात्र का है। इनमें बड़े चेहरे के रूप में कांग्रेस में वापसी से पहले भाजपा में मंत्री रहे यशपाल आर्य का नाम भी शामिल है। जो मुश्किल से अपनी सीट बचा पाए।सिर्फ पिरानकलियर से कांग्रेस प्रत्याशी फुरकान अहमद अपवाद हैं, जिन्होंने बड़ी जीत में टाप टेन में जगह बनाई है। हालांकि, दूसरी तरफ भाजपा सरकार में मंत्री रहे सुबोध उनियाल (नरेंद्रनगर सीट) व डा. धन सिंह रावत (श्रीनगर सीट) का जीत का कम अंतर भी चौंकाने वाला है।