देहरादून। भाजपा ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पंचतत्व में विलीन होने पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। वहीं दुख की इस घड़ी में कांग्रेस से भी राजनीति नहीं करने का आग्रह किया है।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा है कि मनमोहन सिंह का जाना देश के बड़ी क्षति है। वे देश की अर्थनीति में अविस्मरणीय योगदान और उच्च पदों पर शालीनतापूर्वक जीवनचर्या के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। साथ ही स्पष्ट किया कि भाजपा और पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार प्रत्येक संवैधानिक पद को सुशोभित करने वाले व्यक्तियों की गरिमा का हमेशा पूरा ख्याल रखती आई है। दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी नेताओं को सम्मान देना, हमारे संस्कार में शामिल है।
जहां तक प्रश्न है दिवंगत मनमोहन सिंह जी का तो उन्हें उचित सम्मान देने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने देश के आर्थिक विकास में दिए योगदान को देखते हुए कैबिनेट बैठक में पहले ही फैसला किया गया है कि मनमोहन सिंह की याद में एक स्मारक स्थल और समाधि बनाई जाएगी। जिसके लिए भूमि अधिग्रहण, ट्रस्ट के गठन और भूमि हस्तांतरण जैसी प्रक्रियाओं को पूरा कर शीघ्र समाधि बनाने का काम किया जाएगा। इस संबंध में गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे को पहले ही यह जानकारी दे दी गई थी। लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि यह जानते बुझते भी वह पत्र लिखकर अनावश्यक राजनीति करने के प्रयास कर रहे है।
उन्होंने दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक के कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि जिन्होंने जिंदा रहते कभी डॉ. मनमोहन सिंह का सम्मान नहीं किया, आज उनके निधन के बाद वह राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने देश को याद दिलाते हुए कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे, जो नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के थे और 10 साल तक प्रधानमंत्री पद पर रहे। जबकि देश ने देखा है कि पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के निधन पर उनका अंतिम संस्कार तक दिल्ली में नहीं होने दिया था। इतना ही नहीं कांग्रेस भवन में उनके शव को नहीं लाने दिया और 10 वर्ष तक सरकार में रहते कांग्रेस ने कभी कोई स्मारक नहीं बनवाया। उनका समाधि स्थल और उन्हें भारत रत्न देने का काम भी मोदी सरकार ने किया है। लिहाजा कम से कम आज दुख की इस घड़ी में कांग्रेस को ऐसी राजनीति से बचना चाहिए।