हरक के मन में है भाजपा से निकाले जाने की टीस

हरक के मन में है भाजपा से निकाले जाने की टीस

देहरादून। चुनावी मौसम के वैज्ञानिक कहे जाने वाले हरक सिंह रावत का इस विधानसभा चुनाव में पूर्वानुमान फेल हो गया है। विधानसभा चुनाव के नतीजों ने पूर्व काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के 40 साल के राजनीतिक अनुभव को भी फेल कर दिया। हरक सिंह रावत को उम्मीद थी कि इस चुनाव मे 38 से 40 सीटें आएंगी लेकिन कांग्रेस केवल 19 सीटों पर ही सिमट गई। हालांकि रावत ने कई मंचों में यह स्वीकार किया है कि वह भाजपा नहीं छोड़ना चाहते थे लेकिन भाजपा ने ही उन्हें छोड़ दिया। हरक सिंह रावत ने कहा की कांग्रेस कमजोर रणनीति से हारी। रावत ने ईवीएम पर भी सवाल उठाए। कांग्रेस भवन में मीडिया से बातचीत में कहा पुरानी परंपरा से ईवीएम के बजाए बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए।

चुनाव नतीजों के बाद हरक सिंह रावत का भविष्य क्या है ? इस सवाल के जवाब में रावत ने कहा कि अब वो जनता के लिए संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वो भाजपा को छोड़ना नहीं चाहते थे , लेकिन भाजपा ने ही मुझे हटा दिया। अब कांग्रेस में हूं तो कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह काम करूंगा। रावत ने समय पर टिकट घोषित न करने, कमजोर प्रचार रणनीति, जनता तक अपनी बात ले जाने में नाकामी को विधानसभा चुनाव में हार का अहम कारण बताया है।

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