हरिद्वार। खानपुर क्षेत्र में भारतीय नकली नोटों की सप्लाई और छपाई मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने एक अभियान चलाकर दो अभियुक्तों को करीब पचास हजार रुपये के नकली नोट (जिनमें 100-100 के नोट शामिल हैं) बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
तहसील स्थित कैंप कार्यालय पर उक्त घटना का खुलासा करते हुए एसपी देहात प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि पुलिस टीम को पिछले काफी समय से सूचना मिल रही थी कि हरिद्वार जनपद के सीमावर्ती क्षेत्रों में नकली नोटों का कारोबार जोरों पर किया जा रहा है। इसके साथ ही नकली नोटों के कारोबारियों के तार हरिद्वार क्षेत्र से भी जुड़े हो सकते हैं। इसको लेकर एसएसपी हरिद्वार के निर्देश पर सीओ लक्सर के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया गया।
पुलिस टीम द्वारा इस संबंध में विभिन्न स्तर पर जानकारियां जुटाई गई। पुलिस टीम अंतरराज्यीय बॉर्डर मुजफ्फरनगर पर वाहन चेकिंग कर रही थी। तभी उन्हें एक कार आती हुई दिखाई दी, जिसे रोककर उन्होंने चौकिंग की। और कार में बैठे व्यक्ति कुर्बान उर्फ लालू व मनोज की तलाशी ली गई। कुर्बान के पास से तीस हजार रुपये व मनोज के पास से बीस हजार रुपये के नोट बरामद हुए, सभी नोट 100-100 के थे। जिनकी जांच की गई तो वह नकली पाए गए।
पूछताछ में कुर्बान ने बताया कि उसने अपने घर सलेमपुर में प्रिंटर / स्कैनर मशीन लगाई हुई है और जब भी उसे मौका मिलता है। वह चुपचाप स्केनर मशीन से हुबहू नकली नोट निकाल लेता है। मार्केट में उक्त नकली नोटों को वह अपने दोस्त मनोज के माध्यम से चलाता है। जो झिंझाना शामली का रहने वाला है और इस कारोबार में उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो जाता है, जिसे हम आपस में बांट लेते हैं। ज्यादातर यह नोट हम हरिद्वार, बिजनौर, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर आदि के ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदारों को सामान खरीद के बदले देते हैं। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदार नकली नोटों में कम ध्यान देते हैं और उन्हें मालूम भी नहीं रहता।
आरोपियों का कहना है कि छोटे नोटों को लोग ज्यादा ध्यान से नहीं देखते और इसीलिए वह सिर्फ 100 के ही नोट प्रिंट करते थे। जब पुलिस टीम ने आरोपी कुर्बान की निशानदेही पर उसके घर की तलाशी ली, तो वहां से नकली नोट छापने वाले समान प्रिन्टर / मशीन भी बरामद किया। साथ ही एसपी देहात प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि पकड़े गये अभियुक्तों द्वारा भारतीय मुद्रा के छोटे नोटों को छापकर मार्केट में चलाया जाता था, जो बेहद ही जघन्य अपराध है। पुलिस अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास भी खंगाल रही है।