देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट में चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी द्वारा दायर की गई विशेष अपील पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिया कि वे तत्काल रजनी भंडारी को प्रशासक का चार्ज दें और इस प्रक्रिया की रिपोर्ट एक अप्रैल तक अदालत में प्रस्तुत करें।
रजनी भंडारी की ओर से कोर्ट में कहा गया कि जिला पंचायतों का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका था, और राज्य सरकार ने सभी निवर्तमान अध्यक्षों को प्रशासक बना दिया था। हालांकि, उन्हें प्रशासक नहीं बनाया गया। जब रजनी भंडारी ने इस पर आपत्ति जताई, तो सरकार ने उत्तर दिया कि उनका मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए उन्हें प्रशासक नहीं बनाया जा सकता।
रजनी भंडारी ने हाईकोर्ट में अपनी बहाली को लेकर याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि वे हाईकोर्ट के आदेश के बाद बहाल हो चुकी थीं, और उनके बहाली के आदेश आज भी प्रभावी हैं। इसके बावजूद, सरकार ने उन्हें प्रशासक का चार्ज नहीं सौंपा था।
बता दें कि रजनी भंडारी को 2012-13 में नंदा राजजात यात्रा मार्ग पर विकास कार्यों में गड़बड़ी के आरोपों के आधार पर पद से हटा दिया गया था। आरोप था कि उन्होंने इस दौरान निविदाओं में गड़बड़ी की थी और अपने दायित्व का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया। इसके बाद, पूर्व ब्लॉक प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट की शिकायत पर पंचायती राज विभाग ने उन्हें पद से हटाने का आदेश जारी किया था।
रजनी भंडारी ने इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी और कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाते हुए उन्हें बहाल कर दिया था। इस पर सरकार ने उनकी बहाली के बाद उन्हें प्रशासक का चार्ज देने में देरी की, जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को सख्त आदेश दिए हैं। अब सरकार को एक अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी।