देहरादून। भाजपा ने वक्फ पर विपक्षी रुख पर अफसोस जताते हुए कहा कि मुस्लिम समाज का जिक्र आते ही उनके नेता संविधान को दरकिनार कर देती है।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया का सम्मान है, लेकिन जिस तरह कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेता लाइन लगाकर भूमाफिया बोर्ड की पैरवी में लगे थे, उसे भी जनता देख रही है। उन्होंने वक्फ बोर्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानूनी प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए, हम गरीब मुसलमानों को उनका हक दिलाकर रहेंगे। एक सप्ताह बाद, सरकार न्यायलय में वक्फ संशोधन को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर देगी।
उन्होंने लोकतांत्रिक चर्चा के बाद लाए गए इस कानून का मकसद शीशे की तरह साफ है कि वक्फ के उद्देश्य अनुसार दान की गई संपत्तियों का रखरखाव नियमानुसार हो और उसका अधिक से अधिक लाभ गरीब और पसमांदा मुसलमानों को मिल सके। बोर्ड की लाखों एकड़ जमीन पर हुए कब्जे मुक्त हों और उन पर अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान जैसे समाज कल्याण के प्रकल्प चलाए जाएं। 2103 में दिए असीमित अधिकारों को सीमित करने से बोर्ड की भूमाफिया प्रवृति पर लगाम लगेगी और न्यायलयों में अपील का दरवाजा खुलेगा।
भट्ट ने कटाक्ष किया कि देर सबेर इन संशोधनों का लाभ मिलने से समाज पूरी तरह से इसे समझ जायेगा, लेकिन विपक्ष तुष्टिकरण के लिए अंध विरोध पर तुला है। मुस्लिम वोटों की होड़ में लाखों करोड़ों की फीस वाले कांग्रेसी वकील नेता संवैधानिक संशोधन के खिलाफ कोर्ट में खड़े हैं। कई सांसद और नेता भी अपनी अपनी पार्टी की नुमाइंदगी सुनिश्चित करने के लिए वहां लाइन लगाए हुए हैं। देश की जनता देख रही है कि सनातन का लगातार अपमान करने वाली पार्टियां, अल्पसंख्यकों को बरगलाने और भड़काने में लगे हैं। शाहबानों केस की तरह समय आने पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष से उनके इस पाप का हिसाब जनता चुनावों में लेगी।