एमएसपी वृद्धि, कृषि ऋण में छूट बरकरार रखना, मोदी सरकार की किसानों को बड़ी सौगात: भट्ट

एमएसपी वृद्धि, कृषि ऋण में छूट बरकरार रखना, मोदी सरकार की किसानों को बड़ी सौगात: भट्ट

* लागत से 50 फीसदी अधिक एमएसपी के बाद किसानों की आय दोगना करने में भी होंगे सफल : भट्ट

* आत्मनिर्भर उत्तराखंड के लिए धामी कैबिनेट के फैसलें सरहानीय

देहरादून। भाजपा ने खरीफ फसलों की एमएसपी वृद्धि और कृषि ऋण में छूट बरकरार रखने को मोदी सरकार का, किसाने के लिए बड़ा तोहफा बताया है। प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा, आज हम लागत से 50 फीसदी अधिक एमएसपी देने में सफल हुए हैं और कल अन्नदाता की आय दोगना करने में भी सफल होंगे।

उन्होंने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा कृषि क्षेत्र को लेकर किए निर्णयों का स्वागत करते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, पुनः स्पष्ट हुआ है कि हमारी सरकार की नीतियां अन्नदाता की खुशहाली एवं समृद्धि के लिए समर्पित हैं। आज देश, एमएसपी में लगातार वृद्धि करते हुए फसलों की लागत से 50 फीसदी अधिक कीमत देने में सफल हुआ है। हमारी सरकार की कोशिशें बताती हैं कि हम शीघ्र किसानों की आय दुगना करने की तरफ तेजी से अग्रसर हैं। धान, ज्वार, बाजरा, मक्की, रागी, अरहर, मूंग, उड़द समेत कुल 14 फसलों में की गई यह वृद्धि किसानों के लिए एक बड़ी मदद पहुंचाएगी। जिसका लाभ राज्य के किसानों को भी आय वृद्धि के रूप में प्राप्त होगा।

उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल की वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना जारी रखने को भी अन्नदाता के चेहरे की मुस्कान बरकरार रखने वाला बताया। इसके साथ निश्चित हो गया है कि किसानों को आगे भी 4 फीसदी ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण मिलेगा। इसी तरह इसका लाभ पशुपालन या मत्स्य पालन के लिए भी 2 लाख रुपये तक के लोन पर मिलता रहेगा। आज देश में 7.75 करोड़ से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड हैं, जिनमें बड़ी संख्या में उत्तराखंड के किसान भी शामिल है और वह इसका लाभ ले रहे हैं।

भट्ट ने कहा कि इन तमाम निर्णयों के पीछे सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है, किसानों की आय में बढ़ोतरी करना और खेती को लाभकारी बनाना। हमे उम्मीद है कि शीघ्र ही हम किसानों की आय दुगना करने की मोदी गारंटी को भी अवश्य पूरा करके रहेंगे।

भट्ट ने धामी कैबिनेट द्वारा प्रोक्योरर्मेंट नियमावली मे संशोधन के निर्णय को स्थानीय स्तर पर रोजगार की दिशा मे अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि 10 करोड़ के कार्य स्थानीय लोगों को मिलने से रोजगार के अधिक अवसर बनेंगे और स्वरोजगार के द्वार खुलेंगे। स्वयं सहायता समूह एव्ं एमएसएमइ तथा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उदेश्य से एमएसएमई को क्रय बरीयता के लिए भी निर्णय लिया गया है जो कि स्वरोजगार की दिशा मे क्रांतिकारी कदम साबित होगा।

उन्होंने कहा नये चाय बाग़ानों की स्थापना और पुराने जीरणोद्धार, पुरानी निष्प्रायोज्य भूमि पर चाय के प्लांटेशन से काश्तकारों की आय मे वृद्धि होगी। योग नीति 2025 को मंजूरी मिलने को उन्होंने ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे राज्य मे योग पर्यटन विकसित होगा, जो कि आर्थिक समृद्धि लायेगा।

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