देहरादून। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री धामी ने सख्त एक्शन लिया है। हरिद्वार जमीन घोटाले मामले में मुख्यमंत्री ने मंगलवार दो आईएएस एक पीसीएस अधिकारी समेत 12 लोगों को सस्पेंड कर दिया। इस कार्रवाई के तहत हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह, आईएएस अधिकारी वरुण चौधरी, और पीसीएस अधिकारी जयवीर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
मामला हरिद्वार जिले में 15 करोड़ की जमीन को 54 करोड़ में खरीदने का है, जिसमें हरिद्वार नगर निगम ने एक अनुपयुक्त और बेकार भूमि को अत्यधिक दाम में खरीदा, जबकि न भूमि की कोई तात्कालिक जरूरत थी और न ही खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई। शासन के नियमों को दरकिनार कर घोटाला को अंजाम दिया गया। जांच में इन शिकायतों की पुष्टि होने पर शासन ने यह कड़ा कदम उठाया है।
इस कार्रवाई से यह संदेश साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर गंभीरता से अमल कर रहे हैं। अब तक यह धारणा बनी हुई थी कि सरकारें केवल छोटे कर्मचारियों और अधिकारियों पर ही कार्रवाई करती हैं जबकि ऊंचे पदों पर बैठे अफसर बच निकलते हैं। मगर इस मामले में वरिष्ठ आईएएस और पीसीएस अधिकारियों पर भी सीधी कार्रवाई करते हुए इस धारणा को तोड़ दिया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व में भी कई बार सार्वजनिक मंचों से यह स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना उनकी प्राथमिकता है और इसमें कोई भी बाधा बनता है, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। यही वजह है कि शासन ने बिना किसी देरी के यह निर्णय लिया और तीनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस कार्रवाई के बाद अन्य लंबित भ्रष्टाचार के मामलों में भी इसी तरह की निष्पक्ष और सख्त कार्यवाही होती है या नहीं। लेकिन फिलहाल, मुख्यमंत्री धामी और उनकी सरकार ने यह दिखा दिया है कि वे केवल वादों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि धरातल पर भी ईमानदारी से कदम उठा रहे हैं।
अब तक हुई कार्रवाई..
1. कर्मेन्द्र सिंह – जिलाधिकारी और तत्कालीन प्रशासक नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
2. वरुण चौधरी – तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
3. अजयवीर सिंह- तत्कालीन, उपजिलाधिकारी हरिद्वार (निलंबित)
4. निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
5 .विक्की – वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक (निलंबित)
6. राजेश कुमार – रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार (निलंबित)
7. कमलदास –मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार (निलंबित)
पूर्व में हो चुकी कार्रवाई..
8. रविंद्र कुमार दयाल- प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा समाप्त)
9. आनंद सिंह मिश्रवाण- प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)
10. लक्ष्मी कांत भट्ट्- कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)
11. दिनेश चंद्र कांडपाल- अवर अभियंता (निलंबित)
12. वेदपाल- सम्पत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त)
हमारी सरकार ने पहले ही दिन से स्पष्ट किया है कि लोकसेवा में “पद’ नहीं बल्कि ‘कर्तव्य’ और ‘जवाबदेही’ महत्वपूर्ण हैं। चाहे व्यक्ति कितना भी वरिष्ठ हो, अगर वह जनहित और नियमों की अवहेलना करेगा, तो कार्रवाई निश्चित है। हम उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त नई कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। सभी लोक सेवकों को इसके मानकों पर खरा उतरना होगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री