देहरादून। शक्तिमान घोड़े पर हमले के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गृह सचिव को आदेश दिया है कि 4 हफ्तों के भीतर याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन पर निर्णय लें, कि कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 1 हफ्ते के भीतर वो अपना प्रत्यावेदन गृह सचिव को दें। उसके बाद ही उस पर निर्णय लेना होगा।
गौरतलब है कि शक्तिमान घोड़े को लेकर राजनीति तेज होने के बाद हरीश रावत की सरकार में शक्तिमान घोड़े की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में 18 मार्च को मसूरी विधायक गणेश जोशी की गिरफ्तारी हुई और 22 मार्च को उन्हें बेल मिल गई। आरोप है, कि 14 मार्च 2016 में विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस की लाठी से गणेश जोशी ने हमला किया था, जिसमें शक्तिमान घोड़ा घायल हो गया था। और एक महीने के इलाज के बाद घोड़े की मौत हो गई। जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने गणेशी जोशी के साथ अन्य चार को आरोपी बनाया गया था, और देहरादून नेहरू कॉलोनी थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज भी कराया था।
2017 में बीजेपी सरकार आने के बाद 23 सितंबर 2021 को सीजीएम कोर्ट देहरादून ने सबूतों के अभाव में गणेश जोशी व अन्य चार आरोपियों को बरी कर दिया था। अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा है
कोर्ट ने दिया 4 सप्ताह का समय
हाईकोर्ट के वकील शक्ति सिंह ने कहा कि इस मामले में सचिव गृह को प्रत्यावेदन का निस्तारण करना होगा। साथ ही अगर 4 हफ्तों में ऐसा नहीं किया तो इस पर अवमानना का केस किया जा सकता है। अगर उनके खिलाफ कोई आदेश भी होता है तो वो वापस कोर्ट आ सकते है।