देहरादून। उत्तराखण्ड कैबिनेट ने गुरुवार को राज्य के अन्त्योदय राशन कार्ड धारकों को साल में तीन घरेलू गैस सिलेण्डर निःशुल्क देने का निर्णय लिया।
राज्य सचिवालय में हुई बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुये मुख्य सचिव डॉक्टर एस.एस. सिद्धू ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल में कुल सात बिन्दुओ पर फैसले लिये गये हैं, जिनमें, अंतिम विधानसभा सत्रावसान को औपचारिक अनुमोदन प्रदान किया गया। हरिद्वार जिला पंचायत निर्वाचन के संबंध में निर्णय लिया गया कि महाधिवक्ता से इस संबंध में विधिक पहलू से अवगत करायेंगे। इसके पश्चात मंत्रिमंडल निर्णय लेगी। मुख्य सचिव सिद्धू ने बताया कि प्रदेश के सभी अंत्योदय कार्ड धारकों को हर वर्ष तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में इससे संबंधित लाभार्थियों की संख्या 01 लाख 84 हजार 142 है तथा इस पर कुल 55 करोड़ रुपये का व्यय भार होगा। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल में गेंहू खरीद से संबंधित हर वर्ष की तरह कृषकों को प्रति क्विंटल 20 रुपये.बोनस देने का निर्णय लिया गया है।
यह है कैबिनेट के निर्णय
1. अंतिम विधानसभा सत्रावसान की औपचारिक अनुमोदन प्रदान किया गया।
2. हरिद्वार जिला पंचायत निर्वाचन के संबंध में निर्णय लिया गया कि एडवोकेट जनरल से उक्त के संबंध में विधिक पहलू से अवगत करायेंगे। इसके पश्चात कैबिनेट निर्णय लेगी।
3. प्रदेश के सभी अंत्योदय कार्ड धारकों को प्रति वर्ष तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिया जायेगा। इससे संबंधित लाभार्थियों की संख्या 1 लाख 84 हजार 1 सौ 42 होंगे तथा इस पर कुल 55 करोड़ रू. का व्यय भार होगा।
4. गेंहू खरीद से संबंधित हर वर्ष की तरह कृषकों को प्रति क्विंटल 20 रू. बोनस देने का निर्णय दिया गया।
5. गन्ना विभाग द्वारा शासकीय गारंटी दी जाती है इसके ऊपर प्रतिभूति शुल्क गन्ना विभाग को देना होता है, अधिनियम के अनुसार यह धनराशि गन्ना विभाग, शासन को निशुल्क रूप में देगा। यदि गन्ना मूल्य भुगतान के लिये गन्ना विभाग को धन की आवश्यकता होगी तो उसकी प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। यदि इस शुल्क को देने के लिये धन की आवश्यकता होगी तो सरकार वित्तीय सहायता देगी।
6. पशुपालन विभाग में कृत्रिम गर्भाधान के लिये जाने वाले कार्मिकों को पूर्व की भांति मैदान में 40 रू. और पहाड़ में 50 रू. दिया जायेगा।
7. श्री केदारनाथ निर्माण के संबंध में जिन भवनों को 1 मंजिल से बढ़ाकर 2 मंजिल करनी है उनके लिये संबंधित ठेकेदार को उसी दर पर कार्य करने की मंजूरी दी गयी।