देहरादून। चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की गई स्वास्थ्य संबंधी एडवाइजरी को उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) ने अपने विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया है।
चारधाम यात्रा में समस्त तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। इनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। इन स्थानों पर तीर्थयात्री अत्यधिक ठंड, कम आद्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में तीर्थयात्रियों के सुगम एवं सुरक्षित यात्रा हेतु स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य संबंधी एडवाइजरी जारी की गई है। जिसे यूटीडीबी के फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब, लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा करने के साथ विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है।
वहीं शनिवार को श्री केदारनाथ धाम में दर्शन करने जा रही सीधुबाई महादेव निवासी महाराष्ट्र उम्र-71 वर्ष जो भैरो गेदेरे के पास घोड़े से धक्का लगने के कारण 50 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी जिसकी सूचना प्राप्त होते ही जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए एसडीआरएफ टीम को राहत एवं बचाव कार्य हेतु घटना स्थल के लिए रवाना किया गया।
एसडीआरएफ के जवानों की टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किया गया तथा 50 मीटर खाई में गिरी महिला को पिट्ठू के माध्यम से मुख्य मार्ग पर लाया गया तथा 2 किमी स्ट्रैक्चर के माध्यम से घायल महिला को विवेकानंद हाॅस्पिटल बेस कैंप, केदारनाथ में उपचार हेतु पहुंचाया गया जहां डाॅक्टरों की टीम द्वारा घायल महिला का तत्काल उपचार किया गया। एसडीआरएफ की टीम की कार्यकुशला एवं तत्परता से महिला का त्वरित रेस्क्यू कर समय से चिकित्सालय पहुंचाया गया, तथा घायल बुजुर्ग महिला की जान को बचाया गया।
वहीं श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 8 मई से 14 मई शाम तक 117703 श्रद्धालुओं ने और शनिवार को शाम 4 बजे तक 13438 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए।
श्री केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 14 मई तक 166357 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। और शनिवार को श्री केदारनाथ धाम शाम 4 बजे तक 14387 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या अब तक 284060 हो गई है।
राज्य सरकार द्वारा यात्रियों के लिए केदारनाथ मार्ग में 08 स्थाई चिकित्सालय उपलब्ध हैं और 14 अस्थाई एम.आर.पी. (मेडिकल रिलीफ पोस्ट) बनाए गए हैं। गंगोत्री मार्ग से 10 स्थाई चिकित्सालय उपलब्ध है एवं 03 एएफएम (फस्ट मेडिकल रिस्पोन्डर) बनाए गए हैं। यमुनोत्री मार्ग पर 11 स्थाई चिकित्सालय उपलब्ध हैं और 01 एमआरपी (मेडिकल रिलिफ पोस्ट) एंव 05 एफएमआर (फस्ट मेडिकल रिस्पोन्डर) बनाए गए हैं। जबकि बदरीनाथ मार्ग पर 19 स्थाई चिकित्सालय उपलब्ध हैं और 01 एमआरपी (मेडिकल रिलिफ पोस्ट) बनाए गई है। देहरादून जिले में 03 स्थाई चिकित्सालय के साथ संयुक्त बस अड्डा ऋषिकेश में 01 एम.आर.पी (मेडिकल रिलिफ पोस्ट) बनाई गई है। साथ ही यात्रा मार्ग में 08 ब्लड बैंक और 04 ब्लड स्टोरेज बनाए गए हैं। यात्रियों को आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधायें हेतु 108 हेल्पलाईन नंबर एवं अधिक जानकारी हेतु 104 हेल्पलाईन नंबर उपलब्ध है। चारधाम यात्रा मार्ग पर आने वाले जिलों में कुल 113 विभागीय एंबुलेंस और 108 सेवा की 102 एंबुलेंस तैनात है। इसमें से रुद्रप्रयाग में 13, टिहरी में 25, देहरादून में 6, चमोली में 31, उत्तरकाशी में 29, हरिद्वार में 59 और पौड़ी में 42 एंबुलेंस तैनात की गई है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चारों धामों में केरिंग कैपेसिटी (Carrying Capacity) को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रेशन हेतु एक निश्चित सीमा निर्धारित कर दी गई है, जिस के अनुरूप रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर सॉफ्टवेयर को डिजाइन कर दिया गया है। जिन तिथियों में निर्धारित सीमा तक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं उन पर और अधिक रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकता बल्कि दर्शनार्थियों को अगली उपलब्ध तिथियों पर रजिस्ट्रेशन करने की सलाह दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजीकरण करते समय श्रद्धालुगण उपलब्धता की जांच करने के बाद ही अपना टूर प्लान करें।
यह है स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन
* स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत ही यात्रा के लिए प्रस्थान करें।
* पहले से बीमार लोग अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नंबर और चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाईयां अपने साथ रखें।
* ज्यादा बुजुर्ग, बीमार या कोविड से ग्रस्त हो चुके व्यक्ति या तो यात्रा न करें या कुछ समय के लिए टाल दें।
* तीर्थस्थल पर पहुंचने से पहले रास्ते में एक दिन का आराम जरूर करें।
* गर्म और ऊनी कपड़े साथ में रखें।
* हार्ट पेशंट, स्वांस रोगी, डायाबिटीज, हाई बीपी के मरीज ऊंचाई वाले क्षेत्रों में विशेष सावधानी रखें।
* सिर दर्द, चक्कर आना, घबराहट, दिल की धड़कनें तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना, खांसी आना या दूसरे लक्षण होने पर फौरन निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचें और 104 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
* धूम्रपान व दूसरे मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें।
* सनस्क्रीन 50 SPF का प्रयोग त्वचा को तेज धूप से बचाने में करें।
* अल्ट्रावायलेट किरणों से आंखों को बचाने के लिए सन ग्लास का प्रयोग करें।
* यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और खाली पेट न रहें।
* लंबी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करते रहें।
* ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम करने से बचें।
* किसी भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए 104 और ऐम्बुलेस के लिए 108 हेल्पलाइन पर संपर्क करें।