संवाददाता/देहरादून
दक्षिणी अफ्रीका में सबसे बड़े घोटाले के आरोपी गुप्ता बंधु अतुल और राजेश गुप्ता को संयुक्त अरब अमीरात में गिरफ्तार कर लिया गया है। दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों का कहना है कि दोनों भाइयों के प्रत्यर्पण के लिए यूएई से बातचीत चल रही है। साल 2018 में जब दक्षिणी अफ्रीका में न्यायिक आयोग ने घोटाले में दोनों भाइयों की भूमिका की जांच शुरू की थी तो उन्होंने देश छोड़ दिया था। दक्षिणी अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा की सरकार ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि समझौते से गुप्ता बंधुओं को देश वापस लाया जा सकेगा और उन पर लगे आरोपों का मुक़दमा शुरू होगा।
दक्षिणी अफ्रीका में सबसे बड़े घोटाले के आरोपी गुप्ता बंधु अतुल और राजेश गुप्ता को संयुक्त अरब अमीरात में गिरफ्तार कर लिया गया है। दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों का कहना है कि दोनों भाइयों के प्रत्यर्पण के लिए यूएई से बातचीत चल रही है। साल 2018 में जब दक्षिणी अफ्रीका में न्यायिक आयोग ने घोटाले में दोनों भाइयों की भूमिका की जांच शुरू की थी तो उन्होंने देश छोड़ दिया था। दक्षिणी अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा की सरकार ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि समझौते से गुप्ता बंधुओं को देश वापस लाया जा सकेगा और उन पर लगे आरोपों का मुक़दमा शुरू होगा।
गुप्ता बंधुओं पर घोटाले के आरोप
चार साल तक चली न्यायिक जांच रिपोर्ट देश के शीर्ष जज की ओर प्रकाशित की गई, इस जांच में निष्कर्ष निकाला गया कि अमीर गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका की सरकार के फैसलों में और ज़ुमा की सत्तारूढ़ पार्टी अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) पार्टी के फैसलों में गहराई से शामिल थे।
जांच की रिपोर्ट में भाइयों पर रेल, बंदरगाहों और पाइपलाइन जैसे बुनियादी ढांचे के लिए होने वाली खरीद-फरोख्त से जुड़ी अनियमितताओं से जुड़े होने का आरोप लगाया गया है। जांचकर्ताओं का कहना है कि ज़ुमा वो सबकुछ करने को तैयार थे जो गुप्ता बंधु उनसे कहते थे। बीते साल पूर्व राष्ट्रपति ज़ुमा के 15 महीने जेल की सज़ा सुनाई गई क्योंकि उन्होंने जांचकर्ताओं के सामने गवाही देने से इंकार कर दिया था। हालांकि दो महीने की सज़ा काटने के बाद ज़ुमा परोल पर बाहर आ गए।
चार साल तक चली न्यायिक जांच रिपोर्ट देश के शीर्ष जज की ओर प्रकाशित की गई, इस जांच में निष्कर्ष निकाला गया कि अमीर गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका की सरकार के फैसलों में और ज़ुमा की सत्तारूढ़ पार्टी अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) पार्टी के फैसलों में गहराई से शामिल थे।
जांच की रिपोर्ट में भाइयों पर रेल, बंदरगाहों और पाइपलाइन जैसे बुनियादी ढांचे के लिए होने वाली खरीद-फरोख्त से जुड़ी अनियमितताओं से जुड़े होने का आरोप लगाया गया है। जांचकर्ताओं का कहना है कि ज़ुमा वो सबकुछ करने को तैयार थे जो गुप्ता बंधु उनसे कहते थे। बीते साल पूर्व राष्ट्रपति ज़ुमा के 15 महीने जेल की सज़ा सुनाई गई क्योंकि उन्होंने जांचकर्ताओं के सामने गवाही देने से इंकार कर दिया था। हालांकि दो महीने की सज़ा काटने के बाद ज़ुमा परोल पर बाहर आ गए।
गुप्ता परिवार की तरक्की की कहानी
अजय, अतुल और राजेश गुप्ता 1993 में दक्षिण अफ्रीका पहुँचे। उसी समय दक्षिण अफ्रीका में नस्लवाद खत्म हुआ था। गुप्ता भाइयों का संबंध उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शहर से है जहां उनके पिता शिव कुमार गुप्ता मसालों के व्यापारी थे। उन्होंने अपने बेटों को व्यापार के लिए विदेश जाने के लिए प्रोत्साहित किया। सबसे बड़े भाई अजय गुप्ता को रूस, अतुल गुप्ता को दक्षिण अफ्रीका और सबसे छोटे बेटे राजेश गुप्ता को चीन में व्यवसाय के लिए भेजा गया। बाद में परिवार ने दक्षिण अफ्रीक़ा में अपने क़दम जमाये और सहारा कंप्यूटर्स के नाम से कारोबार को आगे बढाया। ़उनकी कंपनी बड़ी होती गई और उनके कर्मचारियों की संख्या 10,000 से ज़्यादा हो गई। उन्होंने साथ ही खनन, विमान यात्रा, ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और मीडिया के क्षेत्र में भी हाथ आज़माना शुरू किया।
अजय, अतुल और राजेश गुप्ता 1993 में दक्षिण अफ्रीका पहुँचे। उसी समय दक्षिण अफ्रीका में नस्लवाद खत्म हुआ था। गुप्ता भाइयों का संबंध उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शहर से है जहां उनके पिता शिव कुमार गुप्ता मसालों के व्यापारी थे। उन्होंने अपने बेटों को व्यापार के लिए विदेश जाने के लिए प्रोत्साहित किया। सबसे बड़े भाई अजय गुप्ता को रूस, अतुल गुप्ता को दक्षिण अफ्रीका और सबसे छोटे बेटे राजेश गुप्ता को चीन में व्यवसाय के लिए भेजा गया। बाद में परिवार ने दक्षिण अफ्रीक़ा में अपने क़दम जमाये और सहारा कंप्यूटर्स के नाम से कारोबार को आगे बढाया। ़उनकी कंपनी बड़ी होती गई और उनके कर्मचारियों की संख्या 10,000 से ज़्यादा हो गई। उन्होंने साथ ही खनन, विमान यात्रा, ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और मीडिया के क्षेत्र में भी हाथ आज़माना शुरू किया।
राष्ट्रपति जुमा के साथ रही घनिष्ठता
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे ज़ुमा को साल 2018 में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। वे 2009 से राष्ट्रपति पद पर थे। गुप्ता परिवार के साथ ज़ुमा के रिश्ते इतने घनिष्ठ थे कि ज़ुमा की कई पत्नियों में से एक पत्नी और उनके बेटे और बेटी गुप्ता बंधुओं के स्वामित्व वाली कंपनियों उच्च पदों पर कार्यरत थे। गुप्ता भाइयों की कई कंपनियों को सरकारी विभागों से लुभावने कॉन्ट्रेक्ट मिले। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें सीधे तौर पर कहा गया था कि फैसला गुप्ता बंधुओं के पक्ष में ही होना चाहिए। इस तरह के ऊपर से आने वाले आदेशों को जिन लोगों ने माना उन्हें पैसे और प्रोमोशन दिए गए वहीं जिन लोगों ने इस बात को मानने से इनकार किया उन्हें इसकी सज़ा दी गई।गुप्ता भाइयों पर आरोप है कि उन्होंने राष्ट्रपति ज़ुमा से अपने करीबी लिंक का इस्तेमाल दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में लगभग हर स्तर पर हस्तक्षेप किया। हालांकि पूर्व राष्ट्रपति और गुप्ता बंधु इन आरोपों को ख़ारिज करते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे ज़ुमा को साल 2018 में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। वे 2009 से राष्ट्रपति पद पर थे। गुप्ता परिवार के साथ ज़ुमा के रिश्ते इतने घनिष्ठ थे कि ज़ुमा की कई पत्नियों में से एक पत्नी और उनके बेटे और बेटी गुप्ता बंधुओं के स्वामित्व वाली कंपनियों उच्च पदों पर कार्यरत थे। गुप्ता भाइयों की कई कंपनियों को सरकारी विभागों से लुभावने कॉन्ट्रेक्ट मिले। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें सीधे तौर पर कहा गया था कि फैसला गुप्ता बंधुओं के पक्ष में ही होना चाहिए। इस तरह के ऊपर से आने वाले आदेशों को जिन लोगों ने माना उन्हें पैसे और प्रोमोशन दिए गए वहीं जिन लोगों ने इस बात को मानने से इनकार किया उन्हें इसकी सज़ा दी गई।गुप्ता भाइयों पर आरोप है कि उन्होंने राष्ट्रपति ज़ुमा से अपने करीबी लिंक का इस्तेमाल दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में लगभग हर स्तर पर हस्तक्षेप किया। हालांकि पूर्व राष्ट्रपति और गुप्ता बंधु इन आरोपों को ख़ारिज करते हैं।
2019 में औली में की थी रईसी शादियां
हाल के वर्षों में गुप्ता बंधुओं ने उत्तराखंड में भी अपनी रईशी और रसूख की पूरी छाप छोड़ी। साल 2019 में अजय गुप्ता के बेटे सूर्यकान्त और अतुल गुप्ता के बेटे शशांक की शादियों की भव्यता ने चकाचौंध कर दिया था। शादियों के इस समारोह पर 200 करोड़ खर्चे किए गए। 5 करोड़ के तो फूल ही मंगाए गए। ि.त्रवेन्द्र रावत सरकार के गुप्ता बंधुओं को औली में शादी कराने की छूट पर सवाल भी उठे थे, हालांकि तत्कालीन सरकार ने इस आयोजन को औली को वैडिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए उत्साहजनक कहा। औली में 18 से 25 जून तक शादी समारोह हुआ। मेहमानों को दिल्ली और देहरादून से लाने के लिए 200 हेलिकॉप्टर बुक किए गए। नेता, योगगुरु, संत, व्यवसाई, फिल्मी कलाकारों का औली में जमघट रहा। याद रहे कि गुप्ता बंधुओं पर पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे। भारतीय टैक्स अधिकारियों ने साल 2018 में दिल्ली में उनकी कंपनी के कार्यालय सहित कई शहरों में उनसे संबंधित संपत्तियों पर छापा मारा था। इस शादी में औली में नगर पालिका जोशीमठ ने करीब 230 कुंतल कूड़ा इकट्ठा किया था। नैनीताल उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते कोर्ट ने बिना सरकार की अनुमति के शादी समारोह में हेलिकॉप्टर की लैंडिंग पर रोक लगा दी थी। साथ ही शादी में एकत्रित कूड़े पर जिला प्रशासन से एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा था।
हाल के वर्षों में गुप्ता बंधुओं ने उत्तराखंड में भी अपनी रईशी और रसूख की पूरी छाप छोड़ी। साल 2019 में अजय गुप्ता के बेटे सूर्यकान्त और अतुल गुप्ता के बेटे शशांक की शादियों की भव्यता ने चकाचौंध कर दिया था। शादियों के इस समारोह पर 200 करोड़ खर्चे किए गए। 5 करोड़ के तो फूल ही मंगाए गए। ि.त्रवेन्द्र रावत सरकार के गुप्ता बंधुओं को औली में शादी कराने की छूट पर सवाल भी उठे थे, हालांकि तत्कालीन सरकार ने इस आयोजन को औली को वैडिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए उत्साहजनक कहा। औली में 18 से 25 जून तक शादी समारोह हुआ। मेहमानों को दिल्ली और देहरादून से लाने के लिए 200 हेलिकॉप्टर बुक किए गए। नेता, योगगुरु, संत, व्यवसाई, फिल्मी कलाकारों का औली में जमघट रहा। याद रहे कि गुप्ता बंधुओं पर पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे। भारतीय टैक्स अधिकारियों ने साल 2018 में दिल्ली में उनकी कंपनी के कार्यालय सहित कई शहरों में उनसे संबंधित संपत्तियों पर छापा मारा था। इस शादी में औली में नगर पालिका जोशीमठ ने करीब 230 कुंतल कूड़ा इकट्ठा किया था। नैनीताल उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते कोर्ट ने बिना सरकार की अनुमति के शादी समारोह में हेलिकॉप्टर की लैंडिंग पर रोक लगा दी थी। साथ ही शादी में एकत्रित कूड़े पर जिला प्रशासन से एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा था।