मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया, पर्वतीय मार्गों पर अनावश्यक आवागमन करने से बचे

मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया, पर्वतीय मार्गों पर अनावश्यक आवागमन करने से बचे

देहरादून। प्रदेश मे हो रही भारी बारिश के चलते सभी व्यवस्थायें अस्त व्यस्त हो गईं हैं तो पहाड़ों के कई जिलों में बारिश से जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कई जगह भूस्खलन व जलभराव की सूचना मिल रही है। पहाड़ों में कई जगह मलबा आने व सड़क कटाव से कई सड़क मार्ग बंद है।

इस दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में बड़े भूस्खलन, चट्टाने खिसकने का खतरा है। पर्वतीय मार्गों पर अनावश्यक आवागमन करने से बचे। नदी-नालों में अचानक उफान आने की आशंका है।

वहीं उत्तराखंड में एक बार फिर से भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार को भारी बारिश का अनुमान जताया है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी हल्की बारिश होगी। इसके अलावा 18, 19 और 20 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। जिसे देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने 18 जुलाई को नैनीताल, चंंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है।

वहीं 19 और 20 जुलाई को उत्तराखंड के सात जिलों देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, उधमसिंहनगर और हरिद्वार में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा उत्तराखंड के दूसरे जिलों में भी कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। बाकी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। रेड अलर्ट को देखते हुए संवेदनशील स्थानों पर मध्यम से बड़े भूस्खलन, चट्टान गिरने के कारण कहीं-कहीं सड़कों, राजमार्गों में अवरोध और कटाव होने का अनुमान है.

इसके अलावा कुछ स्थानों पर नालों और नदियों के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी, साथ ही निचले इलाकों में जल भराव होने की संभावना है। गौरतलब है कि जुलाई महीने में दूसरी बार रेड अलर्ट जारी किया गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के संयुक्त सचिव और ड्यूटी ऑफिसर जयलाल शर्मा की ओर से जिलों को जारी पत्र में कहा गया है कि संभावित आपातकालीन स्थिति को देखते हुए प्रत्येक स्तर पर सावधानी, सुरक्षा और आवागमन में नियंत्रण बरता जाए।

वहीं प्रशासन भी आपदा से निपटने के लिए तैयार है। जगह जगह लाउडस्पीकर के माध्यम से भी लोगों से अपील कर रहा है।

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