तीन आईएफएस अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच पूरी, शासन से अनुमति मिलते ही होगा मुकदमा दर्ज

तीन आईएफएस अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच पूरी, शासन से अनुमति मिलते ही होगा मुकदमा दर्ज

देहरादून। धामी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार बड़े एक्शन मोड में दिखाई दे रही हैं। आईएएस अफसर रामविलास यादव की गिरफ्तारी के बाद अब धामी सरकार एक और बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। विजिलेंस ने रामनगर में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और अवैध निर्माण मामले में 3 आईएफएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के पर्याप्त सुबूत पाते हुए इनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए फाइल तैयार कर शासन में भेज दी है। अब जल्द ही सरकार से अनुमति मिलने के बाद आरोपी आईएफएस अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।

एडीजी अमित सिन्हा ने बताया है कि पर्याप्त साक्ष्य कार्रवाई के लिए मिले हैं जिसमें इन अफसरों की भूमिका संदिग्ध है जल्द ही इनके विरुद्ध फाइल पर मंजूरी प्राप्त होते ही ठोस कार्रवाई की जाएगी।

ऐसे में तीनों आईएफएस अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जानकारों का कहना है कि आईएफएस किशन चंद, राजीव भरतरी और जेएस सुहाग तीनों अफसरों के खिलाफ शुरुआती जांच में कई सबूत विजिलेंस के हाथ लगे हैं। जो मुकदमा दर्ज कराने के लिए काफी हैं।  ऐसे में अब तीनों अधिकारियों के खिलाफ शासन से अनुमति मिलते ही मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है। ऐसे में पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।  पिछली सरकार में हरक सिंह रावत ही वन मंत्री थे. तब उन पर तमाम आरोप भी लगे थे।

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