दून विनर /देहरादून। कांग्रेस एक बार फिर राज्य सरकार को आक्रामक तरीके से घेरने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हल्द्वानी रैली में इशारों में कांग्रेस को निशाने पर लेने के बाद पार्टी पलटवार की तैयारी में है।
मोदी से सहमी कांग्रेस राज्य की धामी सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करेगी। भाजपा सरकार के ढोल की पोल खोल आंदोलन को पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा।
2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा खतरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से है। राज्य विधानसभा की चुनावी लड़ाई को कांग्रेस बनाम मोदी नहीं बनाने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि भाजपा की ओर से यही कोशिश की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी बीती चार दिसंबर को देहरादून और अब बीते गुरुवार हल्द्वानी में रैली कर चुके हैं। मोदी की दून रैली और इससे पहले हुए केदारनाथ और ऋषिकेश के कार्यक्रमों के बाद कांग्रेस को अपने चुनावी अभियान में बड़े बदलाव को मजबूर होना पड़ा था।
हालत ये रहे कि बीते सितंबर माह में शुरू की गई कांग्रेस की प्रदेशव्यापी परिवर्तन यात्रा का कार्यक्रम गड़बड़ा चुका है। परिवर्तन यात्रा सिर्फ दो चरणों में ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार जिलों तक ही सिमटकर रह गई थी। तीसरे चरण के कार्यक्रमों में अब तक कई बार बदलाव हो चुका है। कमोबेश यही स्थिति अब मोदी की हल्द्वानी रैली के बाद हो गई है।
प्रधानमंत्री मोदी परोक्ष रूप से कांग्रेस को विकास योजनाओं का विरोधी करार दे चुके हैं। मोदी के इस तीखे प्रहार के बावजूद कांग्रेस इस लड़ाई का रुख राज्य की भाजपा सरकार की ओर मोड़ना चाहती है। उत्तराखंड की सत्ता हासिल करने के लिए हाथ-पांव मार रही कांग्रेस के सामने खड़ी चुनौतियों को भांपकर फूक-फूककर कदम आगे बढ़ा रही है।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव की बागडोर अब पूरी तरह पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत के हाथों में आ गई है। मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से हरीश रावत पर भी हमला बोला। इसके जवाब में धामी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने भी अभियान को तेज कर दिया है।