देहरादून। पाखरो टाइगर सफारी के निर्माण की आड़ में चल रही अनियमितता के चलते इस मामले में विजिलेंस ने रेंजर ब्रिज बिहारी शर्मा को असम से गिरफ्तार किया है। साथ ही विजिलेंस ने पूर्व डीएफओ (सेवानिवृत्त) किशन चंद समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बता दें कि जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में वन विभाग ने टाइगर सफारी बनाने का निर्णय लिया था। जिसकी अनुमति शासन से मिलने के बाद 106 हेक्टेयर क्षेत्र में टाइगर सफारी के लिए बड़ों का निर्माण समेत कई अन्य तरह के काम भी होने थे। बताया जा रहा है कि वर्ष 2019 में टाइगर सफारी के लिए अवैध तरीके से पेड़ों के कटान और बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया था, जिसमें भारी मात्रा में अनियमितताएं पाई गई थी। जिसके बाद शासन ने इस प्रकरण की जांच विजिलेंस को सौंपी थी।
एसपी विजिलेंस धीरेंद्र कुमार गुंज्याल ने बताया कि मुकदमे की विवेचना और प्राथमिक जांच में पाखरो के तत्कालीन रेंजर बृज बिहारी शर्मा की भूमिका मिली थी। इसके आधार पर विजिलेंस ने रेंजर ब्रिज बिहारी शर्मा पर दबिश दी गई, लेकिन वह उससे पहले लापता हो गए। जिसके बात उनकी लोकेशन असम में मिल रही थी। वहीं विजिलेंस ने अपनी टीम को वहां भेज कर बृज बिहारी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही टीम ट्रांजिट रिमांड पर लेकर हल्द्वानी पहुंच रही है।
एसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी डीएफओ किशनचंद हैं। और वह इसी जून में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनके खिलाफ भी विजिलेंस को पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं। और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। और वहीं इस प्रकरण में और लोगों की गिरफ्तारी भी जल्द हो सकती है।