दो पूर्व मुख्यमंत्री के बयानों से प्रदेश की राजनीति में सियासत तेज, बीजेपी संगठन और सरकार असहज

दो पूर्व मुख्यमंत्री के बयानों से प्रदेश की राजनीति में सियासत तेज, बीजेपी संगठन और सरकार असहज

दून विनर /देहरादून। उत्तराखंड में प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा दिए जा रहे बयानों से प्रदेश में सियासत तेज है। तीरथ का कमीशनखोरी को लेकर दिया गया बयान इन दिनों सुर्खियों में है। वही, त्रिवेंद्र के स्मार्ट सिटी के कामों पर सवाल खड़े कर सरकार की मुसीबत बढ़ा रहे हैं।

विपक्षी दलों को तो बैठे बिठाएं मुद्दा मिल गया है। इस बयान के बाद राजनीतिक पाटियों के नेता सरकार को घेरने में लगे है।ऐसे में बीजेपी संगठन और सरकार भी दोनों के बयानों से असहज हो रही है।

सरकार के मंत्री गणेश जोशी ने तो दोनों नेताओं क़ो नसीहत तक दे डाली है। उन्होंने कहा है इस तरह के बयान देने से बचें इससे सरकार क़ी छवि को नुकसान होता है।

भाजपा के दोनों बड़े नेताओं के बयानों को देखा जाए तो इससे साफ है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में भाजपा के लोग ही धामी सरकार के कामों से नाखूश है। इस तरह के बयानों से सरकार के कामों की पोल भी खुलकर सामने आ रही है।

फिलहाल पिछले कुछ दिनों से भाजपा के 2 बड़े नेता जिस तरह अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं उससे विपक्ष और हमलावर हो गई है। जिसे लेकर कांग्रेस ने भी सरकार की घेराबंदी करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने चुटकी लेते हुए कहा है कि उन्हें यह भी बताना चाहिए कि कमीशन खोरी किस-किसने की है। कुल मिलाकर आरोप-प्रत्यारोप की यह राजनीति प्रदेश की सियासत में आने वाले दिनों में क्या गुल खिलाएगी यह देखना बाकी है।

 

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