प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने वन्य जीवों द्वारा लगातार पर्वतीय क्षेत्रों के लोगोें पर किये जा रहे हमलों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने वन्य जीवों द्वारा लगातार पर्वतीय क्षेत्रों के लोगोें पर किये जा रहे हमलों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

देहरादून। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में आये दिन वन्य जीव मानव संघर्ष पर उत्तराखण्ड कांग्रेस कमेटी ने अपनी चिंता व्यक्त की है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने वन्य जीवों द्वारा लगातार पर्वतीय क्षेत्रों के लोगोें पर किये जा रहे हमलों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लोगों की पीड़ा से अवगत कराते हुए कहा कि राज्यभर में जंगली जानवरोें का आतंक छाया हुआ है। विगत तीन वर्षों में विभिन्न जंगली जानवरोें ने अनेक लोगों की जानें ली हैं और सैकड़ों लोगों को घायल किया है। जिसमें गुलदार, ने 66, हाथी ने 28, बाघ ने 13, भालू ने 05 एवं सांपों के काटने से 44 लोग अपनी जानें गवां चुके हैं। माहरा ने कहा कि प्रदेश में जंगली जानवरोें के हमले के कारण भय और आतंक का माहौल बना हुआ है। विगत कुछ ही दिनों के अन्तर्गत लगभग 161 लोग वन्यजीवों के हमले के शिकार हुए हैं। जबकि 641 लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं। माहरा ने कहा कि इन आकंड़ों को देखकर स्वतः ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जंगली जानवरों का कितना आतंक छाया हुआ है। जंगली जानवरोें द्वारा छोटे-छोटे बच्चों को अपना निवाला बनाया जा रहा है। जिससे पर्वतीय क्षेत्र के लोगों में दहशत फैली हुई है।

सरकार द्वारा जंगली जानवरोें के हमले में मारे गये लोगों के परिजनों को पर्याप्त मात्रा में मुआवजा भी नही दिया जा रहा है। वर्तमान में जो भी मुआवजा दिया जाता है वह बहुत ही कम है। माहरा ने मुख्यमंत्री को सुझाव देते हुए कहा कि जंगली जानवरों के हमले में मारे गये व्यक्तियों के परिजनों को 50 लाख तथा घायल व्यक्तियों को 10 लाख का मुआवजे की राशि दिया जाना नितान्त आावश्यक है।

माहरा ने सुझाव देते हुए कहा है कि वन विभाग द्वारा गांव-गांव में जन जागरण अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाय तथा वन्य जीव एवं मानव संघर्ष को रोकने की दिशा में समुचित कदम उठाये जाना नितान्त आवश्यक है।

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