दून विनर/देहरादून
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सतर्कता समिति ने निर्णय लिया है कि कर्मकार बोर्ड घपले की जांच एसआईटी करेगी। कर्मकार बोर्ड की एसआईटी जांच के फैसले से पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किल बढ़ सकती हैं।
बताते चलें कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में कर्मकार बोर्ड का मामला खूब सुर्खियों में रहा है। आरोप था कि बोर्ड ने श्रमिकों को दी जाने वाली साइकिल जरूरत से ज्यादा संख्या में खरीदी गई। और अपात्र लोगों को साइकिल वितरण की गई। उस समय कर्मकार बोर्ड के बतौर श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ही थे। तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार के समय इसकी शुरुआती जांच होने पर हरक सिंह रावत की सरकार में असहजता बढ़ गई थी उनकी तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष के साथ खूब खींचतान भी हुई थी। आखिरकार ठीक चुनाव से पहले भाजपा ने हरक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। और फिर हरक कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस तब कर्मकार बोर्ड को लेकर सरकार को घेरती रही है।अब एसआईटी जांच की आंच हरक सिंह रावत के साथ उनके कई करीबियों पर भी आ सकती है।