देहरादून। हरिद्वार में सनसनीखेज कथित भूमि घोटाला सामने आया है। हरिद्वार नगर निगम में 54 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले में जांच वरिष्ठ अधिकारी आईएएस रणवीर सिंह चौहान ने अपनी रिपोर्ट सचिव शहरी विकास को सौंप दी है। गंभीर यह है कि जांच घोटाले में तीन बड़े अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। जांच में इस तरह बड़े नाम आने से अधिकारियों में खलबली मची है। माना जा रहा है कि जल्द ही धामी सरकार बड़े अधिकारियों पर कोई एक्शन ले सकती है।
हरिद्वार में भूमि घोटाले की जांच पूरी
राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रणवीर सिंह चौहान को जांच अधिकारी बनाए जाने के बाद से ही साफ हो रहा था कि अब प्रकरण में लीपापोती संभव नहीं हो पाएगी। उन्होंने मई माह के प्रथम सप्ताह में हरिद्वार में घपले से जुड़ी सराय क्षेत्र की 33 बीघा जमीन का दौरा किया था।
बता दें कि यह मामला 15 करोड़ रुपये की उस भूमि से जुड़ा है, जिसे नगर निगम ने 54 करोड़ रुपये में ख़रीदा। मनचाही कीमत पर भूमि खरीद की राह आसान बनाने के लिए अधिकारियों ने भूमि को वास्तविक कीमत को बढ़ाने के लिए लैंडयूज परिवर्तन और सर्किल रेट का गलत तरीके से लाभ उठाया। इस भूमि की खरीद नगर निगम ने रिंग रोड परियोजना में अधिग्रहीत की गई भूमि के बदले मिले मुआवजे की राशि से की। अब इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और सरकार इसमें बड़ा एक्शन ले सकती है।