हल्द्वानी। उत्तराखंड में केन्द्र सरकार की लाभकारी योजना वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण के नाम पर घूस लेने का मामला सामने आया है। प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने राज्य कर अधिकारी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
विजिलेंस की टीम ने मंगलवार को तल्लीताल स्थित कर निर्धारण के मंडलीय दफ्तर में छापा मारा और डाटा इंट्री ऑपरेटर (लिपिक) को तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते धर दबोचा। उससे पूछताछ के बाद राज्य कर अधिकारी उमेद सिंह के घर पर छापा मारा, जहां से 1.47 लाख रुपये बरामद हुए। विजिलेंस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर के पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि भीमताल के व्यापारी मनोज जोशी की ओर से जीएसटी में पंजीकरण के लिए आवेदन किया गया लेकिन जीएसटी कार्यालय की ओर से तीन बार पंजीकरण आवेदन निरस्त कर दिया गया।
जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कराने के एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी। विभाग की जांच में पीड़ित व्यक्ति की शिकायत सही निकली। इसके बाद रिश्वत मांग रहे डाटा इंट्री आपरेटर को पकड़ने के लिए मंगलवार दोपहर लगभग एक बजे विजिलेंस की नौ सदस्यीय टीम ने हल्द्वानी रोड स्थित राज्य कर विभाग के दफ्तर में छापा मारा। उन्होंने बताया कि छापे के दौरान डाटा इंट्री आपरेटर दीपक मेहता को शिकायतकर्ता से तीन हजार रुपये लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। मीणा के अनुसार, पूछताछ में दीपक मेहता ने बताया कि उसने राज्य कर अधिकारी उमेद सिंह के कहने पर रिश्वत ली है।
इस पर टीम ने हल्द्वानी में ऊंचापुल स्थित कृष्णा कॉलोनी गली नंबर चार निवासी राज्य कर अधिकारी उमेद सिंह के घर पर छापा मारा। घर से 1.47 लाख रुपये नकद और कई अभिलेख बरामद हुए। इनकी जांच की जा रही है। कहा कि उमेद सिंह बिष्ट को भी हिरासत में लिया है।
ट्रैप टीम में पुलिस अधीक्षक विजिलेंस प्रहलाद सिंह मीणा, प्रभारी इंस्पेक्टर भानु प्रकाश आर्य, निरीक्षक मनोहर सिंह दसौनी, निरीक्षक ललिता पांडे आदि रहीं। उधर निदेशक सतर्कता ने ट्रैप करने वाली टीम को पांच हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।