देहरादून। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं परीक्षा के नतीजों को लेकर बड़ा बदलाव किया है। नतीजों में अब ओवरऑल डिविजन, डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट अंक नहीं दिए जाएंगे। अंक परेसेंटेज भी नहीं दिए जाएंगे। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि अगर किसी विद्यार्थी ने परीक्षा के लिए पांच से ज्यादा विषय लिए हैं तो इनमें से टॉप-5 विषय कौन-से होंगे, इसका फैसला उच्च अध्ययन के लिए दाखिला देने वाले शैक्षणिक संस्थान करेंगे। इसी तरह अगर नौकरी देने वाली किसी कंपनी को विद्यार्थी का सीबीएसई बोर्ड का नतीजा परखना है तो वह अपने हिसाब से पांच या उससे ज्यादा विषयों के अंकों को देखकर फैसला कर सकती हैं। सीबीएसई उच्च शैक्षणिक संस्थानों या कंपनियों को डिवीजन और डिस्टिंक्शन की जानकारी नहीं देगा।
सीबीएसई की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक नए नियम 2024 की परीक्षाओं से लागू होंगे। सीबीएसई ने 2022 के नतीजों के बाद मेरिट लिस्ट और डिविजन वाइस अंक जारी नहीं करने की घोषणा की थी। बोर्ड देश-विदेश में सभी सीबीएसई संबद्ध स्कूलों के लिए एक जनवरी, 2024 से 2023-24 शैक्षणिक सत्र के लिए 10वीं और 12वीं कक्षाओं की प्रेक्टिकल परीक्षाएं आयोजित करेगा।
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं कक्षाओं की मुख्य परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होंगी और अप्रेल तक चलेंगी। हालांकि बोर्ड ने डेटशीट जारी करने की तारीख नहीं बताई है, लेकिन इसे इसी हफ्ते सप्ताह जारी किए जाने की संभावना है। डेटशीट जारी होने के बाद बोर्ड संभावत: 10 जनवरी तक एडमिट कार्ड जारी कर देगा।
नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए कई बदलाव किए जा रहे हैं। सीबीएसई के नए नियमों से बोर्ड परीक्षार्थियों पर नतीजों को लेकर दबाव कम होगा और वे परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकेंगे। बच्चों के बीच बढ़ती गला काट प्रतियोगिता पर भी अंकुश लगेगा ।