विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार से अपने चुनाव प्रचार अभियान की विधिवत शुरुआत कर दी। हरिद्वार रोड स्थित भाजपा के मीडिया सेंटर में आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रचार अभियान के लिए ‘किया है, करती है, करेगी सिर्फ भाजपा ‘ नारा लांच किया। धामी के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत ने यह नारा लिखे विभिन्न पोस्टर भी जारी किए।इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड बनाया और नवोदित राज्य की तरक्की के लिए आर्थिक पैकेज दिया। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य को विकास को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने डबल इंजन के बूते राज्य में संचालित विभिन्न योजनाओं का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से पिछले पांच वर्षों में राज्य के चहुंमुखी विकास को कदम बढ़ाए गए। सभी विभागों को 10 वर्ष का खाका खींचने को कहा गया है। प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशन में हमारा लक्ष्य वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का है। सभी मिलकर इसके लिए काम करेंगे।
चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत पर भाजपा ने एकजुटता का संदेश भी दिया। पत्रकार वार्ता के दौरान ऐसा पहली बार दिखा, जब वर्तमान मुख्यमंत्री के अलावा तीन पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साथ थे। दरअसल, वर्ष 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी, तब कमान त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई थी। चार साल का कार्यकाल पूरा करने से नौ दिन पहले गत वर्ष मार्च में हुए नेतृत्व परिवर्तन में त्रिवेंद्र के स्थान पर गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया। जुलाई में फिर नेतृत्व परिवर्तन हुआ और तीरथ की जगह पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी गई।कोटद्वार मेडिकल कालेज के लिए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की ओर से बनाए गए दबाव के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनप्रतिनिधि के सामने अपने क्षेत्र के विकास का दबाव होता है। ऐसे में कभी कोई निर्णय होता है तो इसमें दबाव जैसी कोई बात नहीं है।सूर्यधार झील परियोजना के निर्माण में अनियमितता पर कार्रवाई के लिए विभागीय मंत्री सतपाल महाराज की ओर से चार जनवरी को दिए गए निर्देशों के बारे में पूछने पर उन्होंने ऐसी कोई जानकारी उनके संज्ञान में नहीं है। उन्होंने कहा कि वैसे भी आचार संहिता लगने के बाद सभी के अधिकार सीज हो जाते हैं।एक प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में बेहतरी के लिए ही चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का निर्णय लिया गया था। अब इसे सभी से चर्चा के बाद वापस लिया गया।विपक्ष की ओर से तीन-तीन मुख्यमंत्री का मुद्दा उछालने पर मुख्यमंत्री ने तंज कसा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते। उन्होंने कहा कि पांच साल में मुख्यमंत्री जरूर बदले, लेकिन सरकार तो भाजपा की ही थी।