* पीएम की मौत पर कामना बर्दाश्त नही करेंगे देवभूमिवासी, 27 में करेंगे कांग्रेस का सूपड़ा साफ
देहरादून। भाजपा ने कांग्रेसी दिल्ली रैली को फ्लॉप बताते हुए तंज किया कि जिस मकसद से वे इकठ्ठा हुए, उसे तो जनता ने 2014 में ही वोट चोरों को सत्ता से बाहर कर पूरा कर दिया था। लेकिन अफसोस जनता की मर्जी से अनजान बनकर अपनी हार की खीज, वे पीएम को गाली देकर उतार रहे हैं। रैली में पीएम की मौत पर कामना जनता बर्दाश्त नही करने वाली है और देवभूमिवासी 27 में करेंगे कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जायेगा।
रैली पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनैतिक गतिविधि से पार्टी का कोई मतलब नहीं है, लेकिन जिस तरह वहां पीएम मोदी की मौत की कामना की गई वह बर्दाश्त के लायक नही है। इससे पूर्व भी कांग्रेस और उनके सहयोगी अलग अलग मंचों से 150 से अधिक बार अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर चुके हैं। जिनमें से कई मामलों में कानूनी कार्यवाही भी चल रही है, लेकिन, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा जिस तरह पीएम की कब्र खुदने के नारे लगाए वह असहनीय हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी देश ही नहीं दुनिया के सबसे लोकप्रय नेता हैं। वहीं देवभूमिवासियों के दिलों में तो वे राज करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम पर किए जा रहे अपमानजनक हमले उनके शीर्ष नेता राहुल गांधी के भाषणों से प्रेरित हैं और कहीं न कहीं अंदरखाने उनके आलाकमान की भी शह इस सबको है। लिहाजा बिना देर किए तत्काल, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। अन्यथा देवभूमि की राष्ट्रवादी जनता कांग्रेस को 2027 विधानसभा चुनावों में खाता भी नहीं खोलने देगी।
भट्ट ने कांग्रेस की रैली को संख्या और मुद्दों की दृष्टि से पूरी तरह फ्लॉप करार दिया। उन्होंने कहा कि जितनी संख्या में कांग्रेस ने संगठन की दृष्टि से विधानसभा प्रभारी बनाए और जितनी बार उनके राज्य नेतृत्व ने दिल्ली दरबार में हाज़िरी लगाई।
आज की रैली में उतनी संख्या में भी प्रदेश से कांग्रेसी दिल्ली नहीं पहुंच पाए। क्योंकि प्रदेश की महान जनता को मालूम है कि वोट चोर गद्दी छोड़ के जिस मुद्दे को लेकर दिल्ली बुलाया गया, वो तो 2014 में ही पूरा हो गया है। तब देश की जनता ने आजादी के बाद से ही वोटों की चोरी करते आ रही कांग्रेस पार्टी से गद्दी छुड़वा दी थी। उसके बाद राज्य से भी जनता ने वोट चोर कांग्रेस पार्टी को 2017 में विदा कर दिया है।
दरअसल कांग्रेस पार्टी के नेताओं को गलतफहमी थी कि वे रैली में जा रहे हैं बल्कि ये तो उनके युवराज के इस मुद्दे का शांति हवन था, जिसके बाद वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को काम देकर अब खुद छुट्टी पर निकल रहे हैं।


