देहरादून। भाजपा ने कांग्रेस पर विदेशी ताकतों के हाथों में खेलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेसी प्रदर्शन को संसद में उनके आलाकमान की देश विरोधी पोल खुलने की बौखलाहट बताया।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेसी आंदोलन को झूठ और भ्रम पर आधारित बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पीएम मोदी और राष्ट्रवादी शक्तियों से नफरत करते करते भारत विरोध की राह पर चल पड़े है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये विदेशी उद्योगपतियों और डीप स्टेट का मोहरा बनकर देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करना चाहते हैं। उन्होंने सोनिया राहुल पर देश विरोध की हदें पार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 3 वर्षों से कांग्रेस लगातार विदेशी एजेंसियों द्वारा उठाए झूठे मुद्दों को उठाकर, संसद को बंधक बनाने की साजिश रच रही है।
चौहान ने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन की टाइमिंग पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि हाल में संसद सत्र के दौरान कांग्रेस की देश विरोधी नीति की पोल खुल गई है। अब देश को पता चल गया है कि कश्मीर को लेकर देश विरोधी सोच रखने वाली संस्था फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक फाउंडेशन की सह अध्यक्ष सोनिया गाँधी है। जो भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले वाले विदेशी उद्योगपतियों जार्ज सोरस के साथ मिलकर राष्ट्र विरोधी कृत्यों में लिप्त हैं।
विदेशी ताकतों के इशारे पर विगत कुछ वर्षों में जब भी भारत में महत्वपूर्ण घटनाक्रम होता विशेषकर संसद सत्र के दौरान झूठी खबरों पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित किया जाता है। कभी हिंडनबर्ग की झूठी रिपोर्ट आ जाती है, कभी पैगासिस का हल्ला होता है और चुनाव के ठीक पहले विदेशी कोविड वैक्सीन की रिपोर्ट जारी की गई। मणिपुर हिंसा का वीडियो जारी किया गया । इस बार भी सत्र से ठीक पहले एक व्यावसायिक घराने पर एक अमेरिकी कोर्ट के आदेश पर संसदीय लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की गई। लेकिन लोकसभा और राज्यसभा में संविधान दिवस की बहस में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह ने उनके झूठ के गुब्बारे की हवा निकाल दी है।
उन्होंने कहा कि जो लोग मणिपुर को लेकर देश में भ्रम और अफवाह फैला रहे हैं, उनके सबसे बड़े नेता को वहां जाकर आग लगाने की कोशिश करते देश ने देखा है। इनकी 6 दशक से अधिक की सरकारों में पूर्वोत्तर राज्यों को देश से अलग थलग रखने की नीति पर काम किया गया। देश ने वहां इनकी ऐसी सरकारें भी देखी है जो उग्रवादी संगठनों को चंदा देकर और सैकड़ों नागरिकों एवं सैनिक के बलिदान पर चलती थी। कांग्रेसी मणिपुर के मुद्दे पर संसद में हंगामा करते हैं और बहस होने पर एक शब्द नहीं बोलते हैं। आज जब वहां शांति के प्रयास सफल हो रहे हैं तो इन्हें हजम नहीं हो रहा है और लगे हाथ देश में अफवाह फैलाने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संसद में मुखौटा उतरने से कांग्रेस नेतृत्व का देश विरोधी चेहरा लोगों के सामने आ गया है। यही वजह है कि कांग्रेस से जुड़े बचे कूचे कार्यकर्ताओं को बरगलाकर उनका हौसला बनाए रखने के लिए ही आज का यह आंदोलन किया गया। क्योंकि आम जनता तो कांग्रेस के साथ नहीं है, वह आज उठाए उनके तमाम मुद्दों पर अपनी राय भाजपा के पक्ष में लगातार देती रही है।
देश के बाहर बैठे राष्ट्र विरोधियों के साथ है। उनके सनातन और विकास विरोधी चेहरे से तो सभी परिचित हैं। लेकिन हाल में सामने आए देश विरोधी चेहरे को छिपाने के लिए इस तरह के आंदोलन ध्यान भटकाने की असफल कोशिश है।