आज के बदलते परिवेश में साइबर क्राइम बड़ी चुनौती जिनसे बचाव जागरूकता ही अहम हथियार: डीजीपी 

आज के बदलते परिवेश में साइबर क्राइम बड़ी चुनौती जिनसे बचाव जागरूकता ही अहम हथियार: डीजीपी 

राजकुमार केसरवानी/भीमताल।  पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार उत्तराखंड एवं अलकनंदा अशोक (डीन) टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय पंतनगर उधमसिंह नगर द्वारा ग्राफिक ऐरा हिल यूनिवर्सिटी भीमताल में पहुंचकर अध्ययनरत स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ जन-संवाद कार्यक्रम मैं प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के सह प्रबंधक डॉ. आनंद वर्मा द्वारा डीजीपी उत्तराखंड को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित कर किया गया।

जनसंवाद कार्यक्रम के शुभारंभ में सर्वप्रथम सुमित पांडे सी.ओ. एसटीएफ कुमाऊं परिक्षेत्र द्वारा उपस्थित (M.B.A B.Tech C.S eco club) के छात्र-छात्राओं को बढ़ते साइबर क्राइम एटीएम धोखाधड़ी, पेंशन योजना, बैंकिंग संबंधी अपराध, बिटकॉइन धोखाधड़ी, एटीएम/डेबिट कार्ड क्लोनिंग, एटीएम पिन चोरी, राफिड एटीएम कार्ड धोखाधड़ी, कस्टमर केयर नंबर धोखाधड़ी, बल्क एसएमएस धोखाधड़ी, केवाईसी धोखाधड़ी, ओएलएक्स धोखाधड़ी, केबीसी धोखाधड़ी आदि ऑनलाइन अपराध के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

कार्यक्रम के दौरान ही पंकज भट्ट, एसएसपी नैनीताल द्वारा अपने संवाद में छात्र-छात्राओं को नैनीताल पुलिस द्वारा नशा तस्करों पर की जाने वाली कार्यवाहियों से अवगत कराते हुए बताया कि आपकी युवा पीढ़ियों में बढ़ रहे नशा, साइबर अपराध से बचाव हेतु जन जागरूकता हेतु डीजीपी महोदय उत्तराखंड के दिशा निर्देशन में पुलिस द्वारा विशेष जन जागरूकता अभियान चला रही है क्योंकि अवेयरनेस के कारण ही जागरूक रहेंगे और निश्चित ही भावी भविष्य मे इन परेशानियों से बचा जा सकता है।

नीलेश आनंद भरणे, पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊं परिक्षेत्र द्वारा छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया गया कि वर्तमान में प्रत्येक व्यक्ति किसी ना किसी माध्यम से डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़ा हुआ है कई लोग जागरूकता के अभाव में जाने- अनजाने कई तरह के ऐसे ऑनलाइन साइबर फ्रॉड जैसी गतिविधियों से अछूते नहीं रहते। अतः हमें वर्चुअल वर्ल्ड का इस्तेमाल करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में अशोक कुमार (IPS) पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड द्वारा ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से जनसंवाद के माध्यम से बढ़ते साइबर क्राइम, युवा पीढ़ी/छात्र-छात्राओं एवं समाज में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति की रोकथाम के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए छात्र छात्राओं के प्रश्नों को उत्तरित किया गया। इस दौरान वह स्थानीय नागरिकों की आम जन समस्याओं से भी रूबरू हुए और उनके निराकरण हेतु आश्वासित एवं अधीनस्थों को निर्देशित भी किया गया।
डीजीपी द्वारा अपने वक्तव्य में बताया गया कि वर्तमान समय में साइबर क्राइम पुलिस प्रशासन के लिए बड़ा चैलेंज उभरकर सामने आया है और जिससे बचाव हेतु जागरूकता ही सर्वोपरि उपाय है।
डीजीपी द्वारा बताया गया कि एक सर्वे के आधार पर उत्तराखंड राज्य में प्रत्येक वर्ष लगभग 10,000 एवं प्रतिदिन लगभग 300 से अधिक साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। अधिकांश प्रकरणों में उत्तराखंड पुलिस अधिकांश प्रकरणों में रिकवरी कर प्रकरणों का खुलासा कर रही है फिर भी हमें वर्चुअल वर्ल्ड का इस्तेमाल करते समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अंत में कॉलेज स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले MBA eco club ) की छात्रा निधि जोशी एवं छात्र कमल जोशी को डीजीपी उत्तराखंड द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान जगदीश चंद्र एसपी क्राइम/यातायात नैनीताल द्वारा डीजीपी उत्तराखंड द्वारा लिखी गई ‘खाकी में इंसान’ पुस्तक की कुछ पंक्तियां को पढ़कर व्याख्यायित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान बलजीत सिंह भाकुनी क्षेत्राधिकारी रामनगर, नितिन लोहानी क्षेत्राधिकारी भवाली, क्षेत्राधिकारी लालकुआ, भगवत सिंह राणा प्रतिसार निरीक्षक नैनीताल सहित ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी से डॉक्टर आनंद वर्मा, डॉक्टर संतोषी गुप्ता, डॉक्टर फराह खान, निशांत खान एवं डॉ मेहुल खान द्वारा कार्यक्रम का आयोजन कर मुख्य भूमिका निभाई गई साथ ही बीएससी नर्सिंग की छात्रा नेहा बिष्ट द्वारा अपनी मधुर आवाज में राष्ट्रगान का उद्घोष कर कार्यक्रम का समापन किया गया।

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