देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ली

देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ली

नई दिल्ली।  सोमवार को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ली। द्रौपदी मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं। वे इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रही हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस है, ये दिन भारतीय सेनाओं के शौर्य और संयम का प्रतीक है. मैं सभी नागरिकों और सेनाओं को करगिल दिवस की शुभकामनाएं देती हूं। महामहिम मुर्मू ने कहा राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी। ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी भारत के सर्वाेच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है। द्रोपदी मुर्मू ने कहा मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा। ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है।

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