देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त है। प्रदेश के कई हिस्सों में आपदा जैसे हालात हैं।कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक हालात गंभीर बने हुए हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और खराब होने का खतरा बना हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में सोमवार के लिए हाई अलर्ट घोषित किया गया है। जिसके तहत प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरती है।
भारी बारिश की चेतावनी के बाद प्रदेश के सभी 13 जिलों में उत्तरकाशी, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, नैनीताल, पिथौरागढ़, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, चंपावत और अल्मोड़ा में एक सितंबर सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है। यहां 1 से 12 तक विद्यालय बंद रहेंगे।
सीएम ने कहा: एलर्ट रहें अधिकारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों के लिए प्रदेश के अधिकांश जनपदों के लिए जारी रेड तथा ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए शासन तथा जनपद स्तरीय अधिकारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने तथा 24×7 अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अत्यधिक वर्षा के कारण राज्य के सामने लगातार चुनौतियां बनी हुई हैं और मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए समुचित कदम उठाए जाएं। भूस्खलन के दृष्टिगत मार्गों में विशेष सतर्कता बरती जाए तथा मैदानी क्षेत्रों में जल भराव की आशंका को देखते हुए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएं। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से हर स्थिति पर नजर रखी जाए।
रविवार को मुख्यमंत्री ने शासन तथा जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत बचाव कार्यों का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग आपदाओं में बेघर हो गए हैं, सरकार उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी है और उनके बेहतर से बेहतर पुनर्वास के लिए हर स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शीघ्रता से कार्य करते हुए मैदानी जनपदों में पुनर्वास किए जाने के विकल्पों पर भी कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस कठिन घड़ी में हम सभी प्रभावित भाइयों-बहनों की पीड़ा को गहराई से समझते हैं। राज्य सरकार केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि हम उनकी भावनाओं और संवेदनाओं से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से भी अपेक्षा की कि उनके दुख को अपना दुख मानकर, उनके पुनर्वास और जीवन को सामान्य बनाने के लिए पूर्ण मनोयोग से कार्य करें।
बता दें कि भारी बारिश ने प्रदेश के कई हिस्सों में आपदा जैसे हालात हैं। नदी-नालों के उफान पर आने से सड़कों पर यातायात ठप है और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।