देहरादून। प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने यूसीसी को लेकर अटपटा बयान दिया है यह कहना है उत्तराखंड की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का।
दसौनी ने कहा कि पिछले ढाई साल से राज्य की धामी सरकार उत्तराखंड की जनता की आंखों में यूसीसी लागू करने को लेकर धूल झोंक रही है और करोड़ों रुपया समिति के गठन उसकी तनख्वाह और बैठकों में खर्च किया जा चुका है।
दसौनी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की जनता से वादा किया था की राज्य के 25वें स्थापना दिवस पर राज्य वासियों को यूसीसी की सौगात दी जाएगी परंतु ऐसा नहीं हो सका और धामी सरकार के द्वारा बहु प्रचारित और प्रसारित यूसीसी पर सवाल उठने लगे।
जब यही सवाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से पूछा गया तो उन्होंने बहुत ही अटपटा जवाब देते हुए कहा कि अभी यूसीसी की नियमावली तैयार हो रही है इसलिए तय समय पर नहीं लाया जा सका है। दसौनी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि इस बयान से महेंद्र भट्ट ने अपनी अल्प बुद्धि और अल्प ज्ञान का परिचय दिया है।
सत्ता रूढ़ दल के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद होते हुए भी महेंद्र भट्ट को यही पता नहीं की यूसीसी की नियमावली को आए काफी वक्त बीत चुका है और समिति उस नियमावली को मुख्यमंत्री को सौंप चुकी है?
गरिमा ने कहा कि महेंद्र भट्ट के इस बचकाने बयान ने भाजपा की कलई खोल दी है और ये साफ पता चलता है कि यूसीसी को लेकर भाजपा कितनी गंभीर है और भाजपा के अंदर ही कितनी असमंजस की स्थिति है।
दसोनी ने पुनः आरोप लगाते हुए कहा कि एक सोची समझी रणनीति के तहत यूसीसी को राज्य स्थापना दिवस के दिन लागू नहीं किया गया क्योंकि भाजपा इस बात को भली-भांति जानती है कि केदारनाथ उपचुनाव के मध्य नजर यह कदम उसको बैकफायर कर सकता है।