देहरादून। भाजपा ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलाने की पुष्टि को विपक्षी सरकारों का एक और पाप बताया है। प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने आरोप लगाया कि यह देश दुनिया के करोड़ों करोड़ सनातनियों की आस्था और विश्वास को बड़ी चोट देने की साजिश है ।
उन्होंने कहा, सनातन के अपमान एवं दुर्भावना प्रेरित उस षड्यंत्र का दूसरा पहलू है, जिसमें इंडी गठबंधन के नेता सनातन को डेंगू मलेरिया कोरोना वायरस बताकर समाप्त करने की बाते करते हैं। जिसमें सदन के अंदर नेता प्रतिपक्ष हिंदू को हिंसक और बाहर मंदिर में छेड़ने वाले बताते हों, सार्वजनिक रूप से गौमाता का कत्ल करने वालों को साथ लेकर चलते हैं, न्यायलय में प्रभु श्री राम के नही होने का हलफनामा देते हैं। यह इसी सनातन विरोधी सोच का हिस्सा है जिसमे विश्व प्रसिद्ध मंदिर के पवित्र प्रसाद को अशुद्ध किया गया।
उन्होंने अपील की कि प्रसाद की लागत कम करने की कोशिश बताकर इसे आर्थिक घोटाले तक सीमित न किया जाए, बल्कि इसे हिंदुओं की श्रद्धा के साथ विश्वासघात कर अपवित्र करने की साजिश के रूप में देखा जाए। क्योंकि पूर्व में भी वाईएसआर पर हिंदुओं के क्रिश्चियन में कन्वर्जन करवाने के गंभीर आरोप लगते आए हैं। इसलिए इसकी सजा कोई मिलावटी सजा नहीं बल्कि हिंदू धर्म को खत्म करने के प्रयास के रूप में भी देखना चाहिए । साथ कहा कि विश्वभर के सनातनियों की आस्था तिरुपति से जुड़ी है और तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद दुनिया के कोने-कोने में पोस्ट या कूरियर के माध्यम से पहुंचता है । लेकिन इस तरह अनियमितताएं और पाप की जो जानकारी सामने आई है उससे साफ होता है कि जगन रेड्डी सरकार हिंदुओं की आस्था को बदनाम की दोषी है।
उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर तंज किया कि नए नए अवसरवादी हिंदुओं को सनातनी आस्था पर हुए इस हमले पर अपनी जुबान खोलनी चाहिए। क्योंकि राजनैतिक लाभ के लिए ही मंदिर जाने और यात्रा निकालने का नाटक तो जनता कई मर्तबा देख चुकी है।